Farmers will get 4500 tube wells on subsidy : देश के किसान सिंचाई के लिए पानी की कमी को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं। ऐसे में किसानों के साथ-साथ सरकार भी किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए हमेशा कार्य करती रहती है। इसी कड़ी में बिहार सरकार चालू वित्त वर्ष में 25000 एकड़ में सूक्ष्म सिंचाई के लिए मार्च 2024 तक किसानों को 4500 व्यक्तिगत नलकूप पर सब्सिडी देगी।
इसको लेकर राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रति बूंद अधिक फसल विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में यह घोषणा की। साथ ही उन्होंने कहा कि योजना के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष प्रबंध किया गया है। वहीं अलग-अलग माध्यम से किसानों को जागरूक भी किया जाएगा। दरअसल बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां आधा प्रदेश हर साल आने वाली बाढ़ से प्रभावित रहता है, जिससे कई जिलों में किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। वहीं, कुछ जिले ऐसे हैं, जहां पर पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है और सुखाड़ जैसे हालात रहते हैं।
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सात निश्चय-2 और जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति एक महत्वपूर्ण तकनीक है, जिसे अपनाने से लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत, साथ ही 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की खपत में कमी, वहीं 30 से 35 प्रतिशत लागत में कमी आएगी। इसके अलावा 25 से 35 प्रतिशत अधिक उत्पादन के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाले फसल का भी उत्पादन होता है।
देश में सिंचाई एक बड़े संकट के तौर पर सामने आया है। सिंचाई की कमी के चलते फसल उत्पादन में गिरावट आती है। इस समस्या को निपटाने के लिए ट्यूबवेल यानी नलकूप एक बेहतर विकल्प के तौर पर सामने आया है। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने 4500 नलकूप देने का फैसला किया।
Farmers will get 4500 tube wells on subsidy : बिहार के कई हिस्से हर साल बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। वहीं, कई जिलों में भयंकर सूखा पड़ता है। दोनों ही स्थितियों में किसानों की फसल को भारी नुकसान होता है। ऐसे में किसान ट्यूबवेल के सहारे अपनी फसल की सिंचाई की समस्या को निपटा सकते हैं।
सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई तकनीक, मिनी और माइक्रो स्पिंकलर के अतिरिक्त पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को सरकार प्रेरित कर रही है। इस सिंचाई तकनीक अपनाने लिए किसानों को अतिरिक्त टप-अप राशि के जरिए 90 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराया जा रहा है।
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इस योजना के माध्यम से सरकार राज्य के जरूरतमंद किसानों को बोरिंग कराने के लिए 80% तक की सब्सिडी प्रदान करती है। किसान समूह मात्र 20% की लागत राशि का भुगतान करके बोरिंग करा सकते हैं। उदाहरण के तौप पर अगर बोरिंग कराने में 50000 रुपये का खर्चा आता है तो इसमें 40000 रुपये सरकार द्वारा दिए जाएंगे बाकी के 10000 रुपये किसान समूह को खर्च करने होंगे।
Farmers will get 4500 tube wells on subsidy : अगर 10 किसानों का समूह एक बोरिंग करवाता है तो उनमें से प्रत्येक को मात्र 1000-1000 रुपये ही देने होंगे। किसानों को ये लाभ 24 मार्च 2024 तक दिए जाएंगे। इसके लिए किसानों को बिहार बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा।