Contract Employees Regularization Order on 15th August Independance Day?: जयपुर: राजस्थान के संविदा कर्मचारियों की स्थायी नौकरी की चाह अब भी सरकारी कायदों में उलझी हुई है। पिछले सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए अलग से कैडर भी बना दिया, लेकिन पक्की नौकरी का तोहफा अभी तक नहीं मिल सका है। इस वजह से राजस्थान के दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को पक्की नौकरी के साथ समान वेतन-भत्तों का इंतजार है। सरकार की ओर से दावा किया गया है कि संविदा कर्मचारियों के लिए पदों का सृजन कर लिया गया है। अब उम्मीद जताई जा रही हैं कि स्वतंत्रता दिवस में इसका ऐलान सीएम भजनलाल की तरफ से किया जा सकता है।
गौर करने वाली बात यह हैं कि, 50 हजार से अधिक कर्मचारी ऐसे है, जिनके लिए नई व्यवस्था के हिसाब से पदों का सृजन तो हो गया, लेकिन वेतन बढ़ोतरी का तोहफा नहीं मिल सका है। वहीं चिकित्सा विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग में संविदा कर्मचारियों को बोनस अंक देते हुए भर्तियों को आगे नहीं बढ़ाया गया है।
Contract Employees Regularization Order on 15th August Independance Day? सरकार की नई नीति में संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए आगामी समय में होने वाली भर्तियों में अलग से कोटा तय किए जाने की व्यवस्था की गई थी। जैसे किसी विभाग में पांच हजार पदों की भर्ती होनी है तो उसमें तीन से पांच फीसदी अलग से संविदाकर्मियों के लिए तय किए जाने है।
संविदाकर्मियों के नियमित नहीं होने की वजह से उनका तबादला भी नहीं हो पाता है। विशेष परिस्थति में तबादला करने पर रिलोकेशन का नाम दिया गया है। ऐसे में सरकार की ओर से इनके लिए राजस्थान कांन्ट्रेक्चुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रुल्स-2021 बनाने का अप्रूवल किया गया है।
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Contract Employees Regularization Order on 15th August Independance Day?: पिछली सरकार ने सत्ता में आने के बाद एक जनवरी 2019 को संविदा कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उपसमिति का गठन किया गया था। इसमें तत्कालीन ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला को अध्यक्ष बनाया गया था। तत्कालीन चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और खेल मंत्री अशोक चांदना को सदस्य बनाया गया था। कमेटी में कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया था। सरकार ने पिछले साल संविदा कर्मचारियों के लिए अलग से नियम बनाए थे।