CG School News: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बच्चों की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है, अब स्कूली विद्यार्थियों के पौष्टिक आहार के लिए सोया चिक्की खिलाने की योजना में बदलाव करने की तैयारी है। स्कूल शिक्षा सचिव ने लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर सोया चिक्की के अलावा अंडा, दूध और मोटा अनाज को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोया चिक्की के लिए केंद्र से मिली राशि को अलग-अलग चीजों के लिए खर्च करने को योजना बनाएंगे।
जानकारी के अनुसार 20 प्रतिशत राशि अंडा और दूध के लिए खर्च की जाएगी। 40 प्रतिशत राशि सोया चिक्की और 40 प्रतिशत राशि मोटा अनाज जैसे रागी, मक्का, ज्वार ,बाजरा पर खर्च होगी। कहा जा रहा है कि अधिकारियों ने सोया चिक्की खिलाने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
बता दें कि वर्ष 2019 में राज्य के स्कूलों में मध्या- भोजन में अंडा परोसने के निर्णय का विरोध हो चुका है। इसके लिए स्थानीय अंडा बेचने वालों को रोजगार देने की भी बात हुई थी। मगर कुछ संगठनों ने अंडा का विरोध किया। बाद में स्कूल शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों से कहा है कि यदि स्कूलों में अंडा मुहैया कराने को लेकर सहमति नहीं बनें, तो मांसाहारी विद्यार्थियों के घरों में अंडा पहुंचाने की कोशिश की जाए।
CG School News: अधिकारियों का कहना था कि प्रोटीन और कैलोरी की पूर्ति के लिए छात्रों को मध्यान भोजन में सप्ताह में कम से कम दो दिन अंडा, दूध या समतुल्य पोषक मूल्य का खाद्य पदार्थ दिए जाने का उल्लेख और सुझाव है। मगर फिर यह मामला विवाद में फंस गया। अंडा की तरह ही पिछली बार दूध पिलाने की योजना में भी भारी अनियमितता सामने आई थी। राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ही मुख्यमंत्री सोया दूध अमृत योजना भी लांच किया था।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्यान् भोजन) योजना के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पहले चरण में प्रदेश के सात जिलों दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार और बलरामपुर के विद्यार्थियों को प्रोटीनयुक्त सोया चिक्की (सोया से बनी गुड़ पापड़ी) देने की योजना को स्वीकृति दी है। इसके तहत सप्ताह में दो बार सोया चिक्की खिलाना है। पहली से आठवीं तक के आठ लाख विद्यार्थियों के लिए 29 करोड़ देने का प्रावधान किया है।