Bihar Home Stay Scheme: अगर आप भी बिहार के रहने वाले हैं और अपना घर किराए पर दे रखा है तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, ग्रामीण पर्यटन एवं इको पर्यटन स्थल के समीप पर्यटकों को आवासन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना को राज्य कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में पर्यटकों को ठहराने के लिए एक से छह कमरों और दो से 12 बेड तक की अनुमति दी जाएगी।
होम स्टे योजना का मुख्य उद्देश्य
पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य देसी-विदेशी पर्यटकों को यात्रा के दौरान कम खर्च में बेहतर कमरा या बेड उपलब्ध कराना है। यहां पर्यटकों को बिहार की संस्कृति, खान-पान एवं परंपरा से रू-ब-रू होने का भी मौका मिलेगा। इससे पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
मकान मालिक को मिलेगा पैसा कमाने का मौका
पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि योजना के प्रथम चरण में एक हजार कमरों को होम स्टे में परिवर्तित किया जाना है। शहरी इलाके के पर्यटन स्थल से पांच किमी और ग्रामीण/इको पर्यटन स्थल से 10 किमी की परिधि में मकान मालिक/ प्रमोटर को वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा। वित्तीय लाभ के तहत कमरे के उन्नयन के लिए बैंक से ऋण भी दिया जाएगा। ऋण की राशि की अधिकतम सीमा 2.50 लाख रुपये प्रति कमरे तय की गई है। इस राशि के ब्याज की प्रतिपूर्ति पर्यटन विभाग द्वारा की जाएगी। मकान मालिक को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
कमरों और बेड का कराना होगा निबंधन
बिहार के पर्यटन केंद्रों के आसपास मौजूद आम लोगों के घरों के एक हिस्से को गेस्ट हाउस का रूप दिया जाएगा। इस होम स्टे योजना से जुड़ने के लिए मकान मालिकों या प्रमोटर को अपने कमरों और बेड का पर्यटन विभाग से निबंधन कराना होगा। निबंधन में यह देखा जाएगा कि पर्यटन स्थल से संबंधित गांव-घर की दूरी कितनी है? कितने कमरों का घर है? वहां कौन-कौन सी सुविधाएं हैं? सड़क से दूरी कितनी है? और सबसे अहम सुरक्षा-सफाई की क्या व्यवस्था है।
कितने साल के वैध होगा निबंधन
बता दें कि निबंधन दो वर्ष के लिए वैध होगा, जिसके बाद उसका हर साल नवीकरण कराना होगा। निबंधन शुल्क के रूप में पहले दो वर्ष के लिए पांच हजार की राशि तय की गई है, जो नॉन-रिफंडेबल होगा।