भूपेश सरकार की वे योजनाएं जिन्होंने बदल दी छत्तीसगढ़ की दशा और दिशा

भूपेश सरकार की वो योजनाएं जिन्होंने बदल दी छत्तीसगढ़ की दशा और दिशा! Bhupesh Govt Important Scheme which is

  •  
  • Publish Date - June 16, 2023 / 05:46 PM IST,
    Updated On - June 16, 2023 / 11:21 PM IST

रायपुर: Bhupesh Govt Important Scheme छत्तीसगढ़ की कमान संभाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते चार सालों में राज्य के विकास के लिए विशेष पहल की है। चाहे बात ग्रामीण इलाकों की हो, बस्तर के आदिवासियों की हो या फिर शहरों में रहने वाले लोगों की हो। हर वर्ग के विकास के लिए भूपेश सरकार ने योजनाएं बनाई है। इन योजनाओं से प्रदेश की जनता को सारी सुख सुविधाएं मिली हैं। आज भूपेश सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक नागरिकों की समस्याओं का निवारण किया है। खान-पान, बिजली बिल, पानी की समस्या, शिक्षा, बेरोजगारी, खेत-खलिहान, किसानों के किस्त आदि से लेकर ग्रामीणों की  हर परेशानियों को दूर किया है, जिसके लिए यहां की जनता कभी सपना देखा करती थी। आज भूपेश सरकार ने अपनी विभिन्न योजनाओं से छत्तीसगढ़वासियों को राहत दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल से प्रदेश में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हम आपको प्रदेश की खास योजनाओं के बारे में बताएंगे, जिससे आज छत्तीसगढ़ को नई पहचान मिली है।

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क यानी रीपा योजना

Bhupesh Govt Important Scheme महात्मा गांधी ग्रामीण रूरल इंडस्ट्रियल पार्क महिला समूह को ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जोड़ने और आजीविका संवर्द्धन करने के लिए निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं। राज्य सरकार ने महात्मा गांधी के गांव को आत्मनिर्भर बनाने का सपना पूरा करने के लिए इस योजना की शुरुआत की। इसके तहत गांव के परंपरागत व्यवसायियों को एक अवसर मिला है, जिससे वे अपने परंपरागत व्यवसाय के जरिए स्वयं के साथ-साथ गांव को भी आत्मनिर्भर बना सकें। इस योजना के तहत रायपुर जिले के लगभग चार ब्लॉक में कुल 10 रीपा पार्क तैयार किए गए हैं। रीपा पार्क को सर्व सुविधायुक्त बनाया गया है। इनमें अलग-अलग परंपरागत व्यवसायियों के उत्पादन के लिए अलग-अलग हॉल का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था भी गई है।

Read More: प्रदेश में बिपरजॉय का दिखेगा असर, तेज हवा के साथ होगी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने इन इलाको में जारी किया अलर्ट 

रीपा योजना से जुड़ सकेंगे परंपरागत व्यवसायी

रीपा पार्क योजना से बढ़ई गुड़ी, लोहार गुड़ी, हेजरी इकाई, कुम्हार गुड़ी, प्रिंटिंग इकाई, रजक गुड़ी, मोची गुड़ी, मूर्तिकला, दोना-पत्तल निर्माण इकाई, गद्दा निर्माण इकाई, सिलाई इकाई, नमकीन, फेब्रीकेशन, मसाला पैकिंग इकाई, जूस निर्माण इकाई आदि से परंपरागत व्यवसायी जुड़ पाएंगे। रीपा योजना से गांव के परंपरागत व्यवसायियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। उनका व्यवसाय बढ़ेगा तो उनके साथ-साथ गांव भी आत्मनिर्भर बनेगा।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

आज हर वर्ग के विकास के लिए भूपेश सरकार ने योजनाएं बनाई है। किसानों के लिए भी सरकार ने दर्जनों हितैषी फैसले लिए हैं। इसी के बदौलत राज्य में लगातार तेजी से खेती-किसानी में नया आधुनिक बदलाव आ रहा है। राज्य के किसान आधुनिक खेती की ओर भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली 9 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी से किसान पहले की तुलना में काफी मजबूत हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के किसान हितैषी फैसलों के चलते प्रदेश में सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के किसान हितैषी फैसलों की वजह से खेती-किसानी में किसानों की रुचि बढ़ी है। पहले से खेती छोड़ चुके किसान अब फिर से खेती-किसानी की ओर लौटने लगे हैं। वहीं युवा भी अब खेती-किसानी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

पुरानी पेंशन योजना

भूपेश सरकार ने अपने चार सालों के कार्यकाल के दौरान कई तोहफे दिए है। समय-समय पर तो महंगाई भत्ता बढ़ा ही, इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करके सरकारी कर्मचारियों के आने वाले भविष्य को सुरक्षित किया। छत्तीसगढ़ के लाखों सरकारी कर्मचारियों के जीवन में उस दिन बहार आई, जिस दिन सीएम भूपेश बघेल ने पुरानी पेंशन योजना को राज्य में फिर से बहाल करने की घोषणा की थी। मार्च 2022 को सीएम भूपेश ने पुरानी पेंशन योजना के बहाल करने का ऐलान किया था। इसके बाद इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया। सीएम भूपेश के घोषणा के बाद प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। सरकार ने नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन से हो रही 10% की कटौती को भी बंद कर दिया गया। इससे कर्मचारियों को राहत भी मिली है। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के प्रति सीएम भूपेश बघेल ने सकारात्मक सोचते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला लिया है। अब यहां के कर्मचारियों को पेंशन कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई के आंकड़ों से तय की जाएगी, ना कि कर्मचारियों के वेतन से पैसा काटा जाएगा।

Read More: पहले दिन 100 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई करेगी आदिपुरुष, एडवांस बुकिंग में ही कमा डाले थे करोड़ों…

भूपेश सरकार के इस फैसले से किसानों में आई खुशियों की लहर

2022-2023 के आंकड़ों को देखें को इस साल राज्य में 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यह आंकड़ा इतना ज्यादा है कि देश के अन्य राज्य इसके आसपास भी नहीं है। 2023-2024 में प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा की है। सीएम भूपेश बघेल में 23 मार्च को विधानसभा में इसका ऐलान किया। सरकार के इस फैसले पर प्रदेश के किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस फैसले से आने वाले समय में प्रदेश के किसान और अधिक खुशहाल बनेंगे। जब किसान खुशहाल होंगे तो प्रदेश के बाजार में पैसा आएगा और व्यापार-व्यवसाय भी बढ़ेगा।

गोधन न्याय योजना

शायद ही किसी ने यह कल्पना की होगी ​कि गाय के गोबर की व्यापार स्तर पर खरीदी होगी और इससे आम लोगों के जीवन में बदलाव होगा। लेकिन ऐसा भूपेश सरकार ने कर दिखाया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में गायों की महत्ता को समझने वाले सीएम भूपेश ने छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलो की दर से प्रदेश के पशुपालकों से गोबर और 4 रुपए की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के लागू होते ही कई लोगों के जीवन में सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यहां गौठान समितियां आर्थिक रूप से सशक्त तो बन ही रही हैं, इसके साथ ही आम ग्रामीणों और गोधन की सेवा से जुड़े लोग भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को अब तक लगभग 439 करोड़ 73 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य में 15 अप्रैल 2023 तक गौठानों में 112.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।

गोधन न्याय योजना को मिला राष्ट्रीय अवॉर्ड

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी गोधन योजना को की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। इस योजना को कई बार राष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुका है। स्कॉच ग्रुप द्वारा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को 20 मार्च 2021 को नई दिल्ली में ’स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड ’ मिला था। इसके साथ ही एलेट्स एनोवेशन अवॉर्ड, 20वां कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप ई-गवर्नेंस अवॉर्ड 2022 भी इस योजना को मिला है। इसके साथ साथ लोकसभा में कृषि मामलों की स्थायी समिति ने सदन में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में गोधन न्याय योजना की तारीफ थी।

Read More: किसानों के लिए बड़ी खबर, 14वीं किस्त पर आया ताजा अपडेट, जानें कब अकाउंट में आएंगे 2000 रुपए 

बिजली बिल हाफ योजना

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में बिजली के बिल की समस्या को दूर करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ बिजली बिल हाफ योजना’ की शुरूआत की गई है। इससे राज्य के लगभग 42 लाख उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिल रहा है। राज्य में इस योजना ने अब तक लगभग 2500 करोड़ की बिजली उपभोक्ताओं को उसके बिलों में राहत दी गई है। सस्ते दर पर विद्युत की उपलब्धता से जहां उपभोक्ताओं को बढ़ती महंगाई से राहत मिल रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में 1 मार्च 2019 से बिजली बिल हाफ योजना लागू की गई है। इससे उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है। बात करें एकल बत्ती कनेक्शन योजना की तो इसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को हर महीने 30 यूनिट बिजली निःशुल्क दी जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीब लोगों की जीवनदशा में बदलाव के लिए, उनकी आवासीय समस्या से निजात दिलाने के लिए पक्के मकानों का निर्माण करके उन्हें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ में काफी प्रभावी ढंग से किय जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्र भूपेश सरकार की प्रतिबद्धता की परिणति प्रधानमंत्री आवास योजना– ग्रामीण और शहरी के रूप में देखी जा सकती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में केंद्रांश और राज्यांश की मदद से प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2015-16 से अब तक 1.40 लाख मकानों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है, वहीं 85 हजार मकानों की और सौगात मिलने वाली है। वर्तमान में राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) द्वारा राज्य के 33 जिलों के सभी 170 नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) सबके लिए आवास मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार में इस योजना अंतर्गत अब तक 2 लाख 62 हजार से अधिक आवासों की स्वीकृति प्राप्त है। सीएम बघेल ने राज्य की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए तत्पर हैं।

Read More: कांग्रेस के इस संगठन ने किया बजरंग दल का समर्थन, कहा- सही मांग पर कर रहे प्रदर्शन, लाठीचार्ज गलत 

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना

किसान पुत्र सीएम भूपेश बघेल की प्रभावशाली योजना ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी-हिंदी माध्यम स्कूल’ के तहत छत्तीसगढ़ के लाखों बेटे और बेटियों की जिंदगी में शिक्षित होने के साथ सुखद बदलाव देखने को मिल रहा है। सीएम बघेल के इस प्रभावशाली योजना से अब प्रदेश का हर एक बच्चा शिक्षित होकर अपने सपने सकार कर सकता है। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी हर गांव का बच्चा अंग्रेजी शिक्षा से परिपूर्ण हो। भूपेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘स्वामी आत्मानंद स्कूल’ में गरीब और निम्न तबके के प्रतिभावान बच्चों के पालकों को निजी स्कूलों की महंगी फीस से काफी राहत मिली है। इन स्कूलों में कम फीस पर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा के साथ-साथ विश्व स्तरीय सुविधाएं, बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल रहा है। इन स्कूलो में हाईटेक सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक लाइब्रेरी, अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं, स्मार्ट क्लास, लैंग्वेज लैब, साथ ही टेनिस और बैडमिंटन सहित विभिन्न खेलों की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है। वर्तमान में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल में लगभग कुल 2307 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। जहां बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और उज्जवल भविष्य के लिए तैयार हो रहे हैं।

स्व सहायता समूह योजना

प्रदेश की महिलाओं के लिए भूपेश सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। इनमें से एक है स्व सहायता समूह योजना। स्व-सहायता समूह के लिए शासन द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है-दाल-भात केंद्र का संचालन, मध्यान्ह भोजन का कार्य, उचित मूल्य दुकान का संचालन, मछली पालन हेतु तालाब का पट्टा, सब्जी की खेती आदि। इस योजना ने प्रदेश की महिलाओं का जीवन ही बदल दिया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रकार के रोजगार के अवसर सृजन कर ग्रामीण परिवारों की गरीबी दूर करना है। इसके साथ ही इस योजना से महिलाओं का आत्म सम्मान दृढ़ हुआ है और महिलाएं आत्म निर्भर बनी है।

इस समूह द्वारा वर्तमान में बोरा निर्माण का कार्य प्रति दिन किया जा रहा है। बोरा निर्माण की शुरुआत के एक माह में ही समूह द्वारा करीब 11 हजार बोरा का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें से 6 हज़ार बोरों की सप्लाई करते हुए लखनपुर विकासखंड के 57 गौठानों में वर्मी खाद पैकेजिंग के लिए बोरे विक्रय किये गए हैं। अभी तक महिला उद्यमियों द्वारा 94 हज़ार रुपये तक की आय एक महीने में ही प्राप्त हो चुकी है। यहां से लगातार बोरों की सप्लाई जारी है।

महिलाओं को मिला सम्मान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस कदम से प्रदेश की महिलाओं में आत्म सम्मान बढ़ने के साथ-साथ घर-परिवार में भी महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। इस योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करना है। सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनायी जा रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखायी देने लगे हैं और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार के विकास मंत्रालय विभाग ग्रामीण आजीविका मिशन ’बिहान (SRLM)’ कार्यक्रम के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह को ऋण उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत शासन के द्वारा भी इन समूहों को व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण दिया जाता है।

Read More: महिलायें अपने पसंद की कंपनी का ले पाएंगी फोन, CM ने कहा ‘नहीं पड़ना चाहते ब्रांड के चक्कर में, पैसे ही देंगे’

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

बच्चों में कुपोषण दूर करने और किशोरी बालिकाओं व महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अच्छी सफलता मिल रही है। इस अभियान के बाद बच्चों के कुपोषण में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में लगातार ध्यान दिया जा रहा है। सरकार की नवाचारी योजनाओं मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, दाई-दीदी क्लिनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, हमर लैब, मलेरिया मुक्त बस्तर और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजना का संचालन किया जा रहा है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। छत्तीसगढ़ में लोगों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में 5 लाख रुपए तक की इलाज की सुविधा दी जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना में 20 लाख रुपए तक की इलाज की सुविधा मिल रही है।

भूपेश सरकार की पहल से दी जा रही बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू होने के समय वजन त्यौहार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 4 लाख 33 हजार बच्चे कुपोषित थे। राज्य में अब तक 2 लाख 65 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण मुक्त हो गए हैं। इस प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले चार वर्षों के दौरान राज्य में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से कम है। अब तक डेढ़ लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। इस योजना के तहत एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक एसिड, कृमि नाशक गोलियां दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को पूरा करने का संकल्प मुख्यमंत्री ने लिया और इसका क्रियान्वयन करने ऐसी अनेक जनहितकारी योजनाएं बनाई गई, जिससे किसानों, महिलाओं और युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों की सहायता को लिए मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना चालाई जाती है। जिसका लाभ प्रदेश के बुजुर्ग श्रमिकों को दिया जाता है।

Read More: मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस महिला प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ने अमित शाह और PM मोदी पर साधा निशाना, वीडियो जारी कर कही ये बात 

इस योजना से श्रमिकों को मिल रही आर्थिक सहायता

भूपेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ भवन और अन्य संनिर्माण कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से 60 वर्ष की आयु सीमा पूरी होने पर ₹20,000 की एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है। पहले इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा ₹10,000 की राशि प्रदान की जाती थी जिसे अब बढ़ाकर ₹20,000 कर दिया गया है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए श्रमिकों को पंजीकृत होना आवश्यक है।

हाट बजार योजना

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना के शुभारंभ के साथ 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी का 150वें जन्मदिन पर किया गया। ऐसा कई बार देखा जाता था कि ग्रामीण अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के कारण बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध नहीं होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप बीमारी का पता नहीं चलता है और यदि जटिलताएं होती हैं, तो रोगी को उच्च स्तर की देखभाल के लिए भेजा जाना चाहिए। अब हाट बाजार क्लीनिक में उपलब्ध साप्ताहिक चेक-अप और उपचार से ये मरीज बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं तेजी से प्राप्त कर सकेंगे। इसी गंभीर समस्या से प्रदेश को मुक्ति दिलाने के लिए भूपेश सरकार ने हाट बाजार योजना की शुरुआत की।

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक