भोपाल: Balram Talab Yojana 2023 गर्मी खत्म होने के बाद अब कुछ ही दिनों में बारिश का सीजन आने वाला है। बरसात के मद्देनजर सरकार लोगों को जल संग्रहण के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यहां तक सरकार किसानों को खेतों में तालाब बनवाने के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी भी दे रही है, जिससे किसान बरसात का पानी तालाब में जमा करके साल भर बिना कोई परेशानी के खेत में सिंचाई कर सकें।
Balram Talab Yojana 2023 प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना के अंतर्गत सिंचाई संसाधन, सिंचाई यंत्र, स्त्रोत निर्माण, तालाब निर्माण जैसे कई प्रकल्पों पर आर्थिक सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में पहले से चल रही बलराम ताल योजना को केंद्र सरकार की किसान सिंचाई योजना में शामिल कर लिया है। पिछले वर्ष 2022 के तहत कुछ संशोधन कर योजना को इस वर्ष पूरे प्रदेश में लागू किया गया है, साथ ही कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का टारगेट जारी कर दिया है।
इस योजना के तहत, सामान्य (Gen) किसानों को तालाब निर्माण के लिए 40 प्रतिशत (अधिकतम 80,000 रुपये) अनुदान राशि के अलावा अतिरिक्त राशि स्वयं वहन करना होगा। इसी तरह सीमांत किसानों को योजना के तहत 50 प्रतिशत (अधिकतम 80,000 रुपये) राशि के अतिरिक्त व्यय स्वयं वहन करना होगा। इसी कड़ी में अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को 75 प्रतिशत (अधिकतम 1,00,000 रुपये) राशि की सुविधा मिलेगी। योजना के अनुसार, राज्य के वे सभी किसान जिनके खेतों में पहले से ड्रिप या स्प्रिंकलर इरिगेशन मशीन स्थापित है, या वे किसान जो बलराम तालाब निर्माण के साथ या निर्माण के बाद ड्रिप या स्प्रिंकलर स्थापित करेंगे, केवल उन्हीं को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
तालाब का निचला हिस्सा जल संग्रहण के अनुकूल होता है। तालाब निर्माण के लिए ऐसे कई बेहतरीन मॉडल मौजूद हैं, लेकिन यह तालाब किसानों की नीजि जमीन पर बनावाना है, इसलिए इसकी लंबाई, चौड़ाई किसान की जमीन सुलभता पर निर्भर करता है। हालांकि बलराम योजना के तहत (कुछ स्थिति के अतिरिक्त) तालाब की गहराई 3 मिटर ही रखनी होगी।
• तालाब की चौड़ाई 15 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
• खुदाई के समय साइड स्लोप 1:5:1 रखना होगा ताकि मिट्टी के धसकने का डर ना हो।
• खोदी गई मिट्टी का किसान अपने मुताबिक कैसे भी उपयोग कर सकते हैं। लेकिन मिट्टी का उपयोग बांध की तरह किया जाता है तो इसे कम से कम 1 मीटर की दूरी पर डाला जाए, जिससे खुदाई स्तर को आसानी से मापा जा सके। साथ ही इससे बारिश के समय मिट्टी वापस तालाब में नहीं आएगी।
• बंधान में किसान अपने अनुसार उपयुक्त फसलों की भी खेती कर सकते हैँ। तालाब में मछली और बतख पालन करके भी किसान आर्थिक लाभ ले सकते हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से कृषक को उपयुक्त स्थान पर अपने खर्च से बोर्ड लगाना होगा। बोर्ड के अभाव में किसी भी तरह की दुर्घटना के जिम्मेदार खुद किसान होंगे।
मध्यप्रदेश में बलराम तालाब योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। किसान ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल से या फिर Mponline या किसी भी साइबर/इंटरनेट कैफे जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए जिला कृषि विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं।