लखनऊ : Love Jihad Law In UP : उत्तर प्रदेश में अब लव जिहाद पर होगी आजीवन जेल। जबरन धर्मांतरण को रोकने योगी सरकार ने लव जिहाद कानून का दायरा बढ़ा दिया। विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पास हो गया। संशोधित विधेयक के पारित होने के बाद, इस पर सियासी बयानबाजी तेज है। यानी नेमप्लेट के बाद यूपी में लव जिहाद पर नया फसाद शुरू हो गया है।
Love Jihad Law In UP : लव जिहाद की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने एक और सख्त कदम उठाया है। मंगलवार को विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया..इस कानून के मुताबिक अब जबरन धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 से 15 साल की सजा नहीं बल्कि उम्रकैद की सजा दी जाएगी। संशोधित विधेयक के पारित होने के बाद, इस पर सियासी बयानबाजी का दौर भी जारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एंटी रोमियों स्क्वॉड के बहाने समाजवादी पार्टी पर सीधा प्रहार किया। तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पलटवार किया। ये कानून इसलिए ला रहे हैं क्योंकि इनका साम्प्रदायिकता का दीया बुझने जा रहा है।
इससे पहले योगी सरकार ने साल 2020 में पहली बार लव जिहाद विरोधी कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी फिर साल 2021 में यूपी विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक पारित किया गया। जिसे अब संशोधन किया गया है। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं के खिलाफ अपराध और उस पर की गई कार्रवाईयों से जुड़े आंकड़े सदन में पेश करते हुए समाजवादी पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा। योगी ने कहा कि सपा खुद महिला सुरक्षा के लिए खतरा है। इस पर विपक्ष के नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी।
Love Jihad Law In UP : खैर सियासी बयानबाजी से इतर नए कानून में लव जिहाद के तहत कई नए अपराध भी जोड़े गए हैं। योगी सरकार ने जो विधेयक पेश किया है। उसके प्रावधानों की बात करें तो नए कानून में दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान। अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में FIR दर्ज करा सकता है। पहले मामले में सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी होती थी। लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की अदालत नहीं करेगी। सबसे बड़ी बात सभी अपराधों को गैर जमानती बनाया गया है।
कुल मिलाकर लव जिहाद पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने सख्त कानून तो बना दिया। लेकिन सवाल है कि क्या सिर्फ कानून बना देने से महिला अपराध में कमी आएगी।