नई दिल्ली : Parliament Session 2024 : राज्यसभा में मानसून सत्र के दौरान मान-सम्मान और नाम की बहस के बीच शुक्रवार को ‘टोन’ पर हंगामा बरपा। सपा सांसद जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति जगदीप धनखड़ भड़क गए और मर्यादित आचरण की नसीहत दे दी। विपक्षी सदस्यों ने ‘दादागीरी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया तो सदन के नेता जेपी नड्डा ने निंदा प्रस्ताव पेश कर दिया। राज्यसभा में इस तकरार की शुरुआत कहां से हुई और कैसे जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ भिड़ गए?
Parliament Session 2024 : प्रसिद्ध कवि और नाटककार विलियम शेक्सपियर ने लिखा है WHATS IN THE NAME, नाम में क्या रखा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से संसद के उच्च सदन राज्यसभा में जिस तरह की बहस हो रही है उससे लगता है कि सबकुछ नाम में ही रखा है। ना मुद्दे ना काम, बस नाम ही नाम। राज्यसभा में इस बहस की शुरुआत पिछले दिनों मानसुन सत्र की कार्रवाई के दौरान हुई जब सभापति ने सपा सांसद जया अमिताभ बच्चन का नाम पुकारा। सभापति के नाम लेने पर जया बच्चन भड़क गईं। नाम की ये चर्चा यहीं नहीं रुकी। इसके बाद जया बच्चन खुद ही हंसते हुए खुद का नाम लेती नजर आईं।
शुक्रवार को फिर जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखा संवाद हुआ। सभापति जगदीप धनखड़ अपनी टोन पर सवाल उठाए जाने पर भड़क गए और तीखे तेवरों के साथ सदन में मर्यादित व्यवहार की नसीहत देने लगे। जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के टोन यानि बोलने के तरीके पर विरोध जताया था।
Parliament Session 2024 : वहीं एक दिन पहले राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जब रेसलर विनेश फोगाट के मुद्दे पर चर्चा करवाने की मांग की तो इस मांग को खारिज करते हुए धनखड़ ने पहले तो नाराजगी जाहिर की फिर खुद राज्यसभा से बाहर चले गए थे।
शुक्रवार को टोन पर टिप्पणी के बाद हुई बहस पर सदन में हंगामा हो गया। विपक्ष ने सदन में बोलने नहीं दिए जाने का आरोप लगाया और ‘दादागीरी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए वॉकआउट कर दिया।
उधर सदन में विपक्ष के रवैये के खिलाफ सत्ता पक्ष की ओर से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। सदन के नेता जेपी नड्डा ने ये प्रस्ताव पेश किया।
Parliament Session 2024 : दरअसल, राज्यसभा में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्ष ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर घनश्याम तिवाड़ी की ओर से की गई टिप्पणी का मुद्दा उठाया। कांग्रेस सांसद जयराम नरेश ने तिवाड़ी से सदन में माफी मांगने की मांग की तो सभापति धनखड़ ने ना सिर्फ इस मांग को ठुकरा दिया बल्कि जयराम रमेश को नेम करने की चेतावनी दी। जिसपर विपक्ष ने विरोध जताया और हंगामा भी किया इसी में आगे चर्चा के दौरान धनखड़ ने जया अमिताभ बच्चन का नाम लिया और फिर बवाल मच गया। बहरहाल सदन में मान-सम्मान और नाम पर जारी अर्थहीन बहस से ना सिर्फ सत्र का समय बर्बाद हो रहा है बल्कि असल मुद्दों पर चर्चा भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में माननीय अपने मान सम्मान से ज्यादा जनता से जुड़े काम की चर्चा करें तो बेहतर होगा।