Triangular contest in Jammu and Kashmir, Article 370 on the agenda of all parties

#SarkarOnIBC24 : जम्मू-कश्मीर में त्रिकोणीय मुकाबला, सभी पार्टियों के एजेंडे में धारा-370

Jammu Kashmir Election : चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का 16 अगस्त को एलान किया।

Edited By :   Modified Date:  August 30, 2024 / 11:29 PM IST, Published Date : August 30, 2024/11:29 pm IST

नई दिल्ली : Jammu Kashmir Election : चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का 16 अगस्त को एलान किया। तब से लेकर अब तक कश्मीर की चुनावी बिसात की तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है। चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा और कौन सी पार्टी किसके साथ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने वाली है इसकी पिक्चर क्लीयर हो चुकी है।

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Jammu Kashmir Election :  जम्मू-कश्मीर में हमेशा से क्षेत्रीय पार्टियों का बोलबाला रहा है। विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP के बीच होता आया है। लेकिन इस बार बीजेपी राज्य में एक बड़ी खिलाड़ी बनकर उभरी है। कश्मीर में बीजेपी ने अपने संगठन को मजबूत किया है। धारा 370 हटने के बाद राज्य में जड़े जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जिसके चलते इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बन रहे हैं। कश्मीर के सियासी समीकरणों की अगर बात करें तो जम्मू-कश्मीर के मुख्य क्षेत्रीय दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस से हाथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वहीं PDP अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरने वाली है। दूसरी ओर बीजेपी भी अकेले अपने दम पर ताल ठोक रही है।

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Jammu Kashmir Election : नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का इरादा जताया तो कांग्रेस ने भी NC के साथ गठबंधन को कश्मीर के आवाम की आवाज बताया। तो बीजेपी भी अपनी जीत का दावा कर रही है जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव धारा 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे हैं। दिलचल्प बात ये है कि हर पार्टी की चुनावी रणनीति आर्टिकल 370 के आसपास घूम रही है। PDP और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणा पत्र में साफ-साफ धारा 370 और राज्य के दर्जे की बहाली का वादा किया है। तो कांग्रेस का फोकस कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलने पर है। वहीं बीजेपी आर्टिकल 370 हटने के बाद राज्य को मिले फायदे गिना रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी साफ कर चुके हैं, कि धारा 370 का हटना आज की सच्चाई है।

धारा 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य करने में काफी मदद मिली है। अब वहां चुनावी लोकतंत्र की बहाली भी होने जा रही है। सभी पार्टियों का अपना घोषणा पत्र और चुनावी मुद्दे हैं। अब कश्मीर के लोग ही तय करेंगे वो किस पार्टी और किस विचारधारा के साथ जाना चाहते हैं।

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