लखनऊ : #SarkarOnIBC24 : यूपी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ठंडे बस्ते में पड़ा नेम प्लेट विवाद फिर जिंदा हो गया है। योगी सरकार ने होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जिस पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। विवाद यूपी का है, लेकिन ये इतना तूल पकड़ चुका है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के नेताओं के बीच भी जुबानी जंग छिड़ गई है।
#SarkarOnIBC24 : यूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान शुरू हुए नेम प्लेट विवाद का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। जिसकी वजह बना है सीएम योगी आदित्यनाथ का आदेश, जिसमें होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट मालिकों के लिए दुकान के बाहर मालिक और मैनेजर का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। सीएम योगी आदित्यानाथ ने खाद्य विभाग की बैठक के बाद इसके आदेश जारी कर दिए जिसके मुताबिक होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट के हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा। दुकान के संचालक, प्रौपराइटर और मैनेजर का नाम-पता डिस्प्ले करना जरूरी होगा। पूरे रेस्टोरेंट में CCTV लगाने होंगे। खाने-पीने की दुकानों में साफ-सफाई होनी चाहिए। शेफ-वेटर को मास्क और ग्लव्स पहनना भी जरूरी होगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ कि इस सख्ती के पीछे बड़ी वजह है लोगों का स्वास्थ्य और खाने-पीने की चीजों में मानव अपशिष्ट मिलने की शिकायतें। जिससे जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे। कहीं जूस में यूरिन मिलाने की बात सामने आई थी तो कहीं रोटी पर थूकने से जुड़ी घटना देखने को मिली थी।योगी सरकार जहां इस फैसले को सही कदम बता रही है तो विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है।
#SarkarOnIBC24 : अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब यूपी में कांवड़ यात्रा की पवित्रता के लिए योगी सरकार ने दुकानदारों को नेम प्लेट लगाना अनिवार्य किया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। ऐसे में नेमप्लेट से जुड़े नए आदेश पर यूपी ही नहीं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के नेताओं के बीच भी बयानबाजी छिड़ गई है।
कांग्रेस भले योगी सरकार के फैसले पर सवाल खड़े कर रही हो, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य योगी मॉडल को हिमाचल में लागू करने की बात कर रहे।
देश में बाहर खाने-पीने का ट्रेंड बढ़ रहा है। कई बार ज्यादा पैसे चुकाने के बाद भी लोगों को साफ और हाइजीन खाना नहीं मिलता। योगी सरकार का ताजा फैसला इस दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम है, लेकिन कांवड़ यात्रा से जुड़े नेमप्लेट विवाद के चलते विपक्ष योगी सरकार के इस फैसले को भी शक की नजर से देख रहा है।