भोपाल/लखनऊ : Train Derail Attempt : भारतीय रेलवे को बेपटरी करने का साजिशे थमने का नाम नहीं ले रहीं। यूपी से लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश तक कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही हैं। ताजा घटना यूपी के कानपुर के पास की है जहां रेलवे ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला, तो वहीं MP के बुरहानपुर में रेल ट्रैक पर डिटोनटर ब्लास्ट के जरिए ट्रेन को बेपटरी करने की कोशिश की गई। इन दोनों घटनाओं ने रेलवे बोर्ड के होश उड़ा रखे हैं तो वहीं कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है।
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Train Derail Attempt : ट्रेन के सामने रेल ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा है। सोचिए अगर ये ट्रेन धड़धड़ाती हुई इस सिलेंडर के ऊपर से गुजर जाती तो क्या हाल होता। सिलेंडर फटता और ट्रेन आग का गोला बन जाती, लेकिन गनीमत रही की लोक पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को 10 फीट पहले रोक दिया। घटना रविवार सुबह 5.50 बजे की है। लोको पायलट की सतर्कता से रेल हादसा टल गया।
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर स्टेशन के पास भी ऐसी ही साजिश रची गई जो नाकाम हो गई। रेलवे ट्रैक पर डिटोनेटर फिट किए गए, लेकिन ट्रेन के गुजरने से पहले ही कुछ डेटोनेटर फूट गए। इससे रेल अधिकारी अलर्ट हो गए और सागफाटा स्टेशन पर ट्रेन रुकवा दी गई। बताया जा रहा है कि, सेना की एक ट्रेन को निशाना बनाने की कोशिश थी।
ट्रेन को निशाने बनाने की साजिश पर पूर्व सीएम कमलनाथ की प्रतिक्रिया सामने आई है। कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, तो वहीं बीजेपी नेताओं के भी बयान दिए हैं।
Train Derail Attempt : भारतीय रेलवे पर मंडरा रहे संकट की ये तो बस एक बानगी भर है। इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जब कानपुर के पास कालिंदी एक्सप्रेस के रास्ते में सिलेंडर रखकर उसे डिरेल करने की कोशिश की गई। अजमेर में मालगाड़ी के रास्ते में 70 किलो वजनी सीसी ब्लॉक रख दिया गया।इसी तरह की घटनाएं मथुरा और जबलपुर में भी हुई जब संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेन डिरेल हो गई।
भारतीय रेल को निशाना बनाने की इन साजिशों पर केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है और रेलवे एक्ट में संशोधन की तैयारी कर रही है। जिसके तहत रेलवे को हादसे का शिकार बनाने की साजिश पर देशद्रोह का केस दर्ज होगा। उम्र कैद से लेकर मृत्यु दंड तक की सजा का प्रावधान होगा। फिलहाल रेलवे एक्ट-1989 में अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। सरकार उपधारा जोड़कर इसे देशद्रोह की श्रेणी में सरकार लाना चाहती है। बहरहाल चिंता की बात ये है कि इतनी सारी साजिशे सामने आने के बाद भी अभी तक इसके असली गुनहगारों तक पुलिस और जांच एजेंसियां नहीं पहुंच पाई है। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि सवाल करोड़ों भारतीयों का है जो ट्रेनों में सफर करते हैं।