रायपुर : Mata Kaushalya Mandir Raipur : पूरी दुनिया में भगवान राम की माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर रायपुर के चंदखुरी में हैं। पिछली कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन पथ परियोजना के तहत इसका जीर्णोद्धार कराया, गर्भगृह को विस्तार दिया, भगवान राम की विशाल मूर्ति लगाई, विशाल मंदिर प्रांगण तैयार किया। पहली ही बारिश में माता कौशल्या मंदिर परिसर में निर्माण की घटिया गुणवत्ता ने निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों को बल दिया। वैसे भी पूर्ववर्ती भूपेश सरकार माता कौशल्या धाम के काम की तुलना अयोध्या के राममंदिर से करती रही है। पिछली प्रदेश सरकार को बार-बार राम के नाम पर सियासी लाभ लेने वाली पार्टी बताती रही है लेकिन अब उसी मंदिर के निर्माण की पोल बारिश ने खोल दी है।
Mata Kaushalya Mandir Raipur : रायपुर के चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या धाम की मूल मंदिर के गर्भगृह से लेकर मंदिर मंडप तक और ज्योति कलश कक्ष से लेकर परिसर के बाकी निर्माणों में किस कदर भ्रष्टाचार हैं। छत्तीसगढ़ वासियों की आस्था से जुड़े मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य हुए एक साल भी नहीं बीता कि गर्भगृह में मूल मूर्ति के पास ही पानी टपक रहा है, पहले बारिश सीजन में ही गर्भगृह की सफेद दीवारें सीलन से भर चुकी हैं। मंदिर के मंडप क्षेत्र में भी पानी रिसता, टपकता, गिरता दिख रहा है और तो और मंदिर परिसर के ज्योति कलश कक्ष में पानी भरा हुआ है। पुजारी के मुताबिक 150 साल पुराने मूल मंदिर में ना तो कभी पानी टपका, ना कभी सीपेज की समस्या रही, लेकिन जीर्णोद्धार के दौरान मंदिर गुंबद तोड़ने और नये निर्माण के बाद पहिली बारिश में ही पूरे परिसर का हाल बेहाल है। मंदिर की इस स्थिती को लेकर भक्त भी आहत हैं।
Mata Kaushalya Mandir Raipur : कौशल्या मंदिर परिसर के मौजूदा हाल को लेकर बीजेपी ने पिछली कांग्रेस सरकार पर पूरी ताकत से हमला बोला, तो जवाब में विपक्षी दल कांग्रेस इस स्थिति के लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार बता रही है ।
दरअसल, साल 2021 में भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश में राम-वन-गमन पथ से जुड़े स्थलों को चिन्हित करते हुए कौशल्या माता मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू किया। तब कांग्रेस सरकार ने इस मुद्दे पर खुद को बड़ा राम भक्त और सच्चा हिंदू हितैषी बताते हुए बीजेपी को केवल राम नाम पर सियासत करने वाली पार्टी बताते हुए जमकर घेरा था। हालांकि उस वक्त भी इसी परिसर में भगवान राम की विशाल मूर्ति के स्वरूप को लेकर विवाद बना और अब मंदिर गर्भगृह से लेकर ज्योति कक्ष तक पानी टपकने ने, निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा दिया है। मामला सनातनियों की आस्था से जुड़ा है तो सो सिस्टम और सरकार पर भ्रष्टाचार पर मुखर होकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। सवाल है कौन है मंदिर परिसर की इस बेहाली का जिम्मेदार?