#SarkaronIBC24। Photo Credit: IBC24
#SarkaronIBC24: नई दिल्ली। कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर शुरू हुई सियासी लड़ाई अब संविधान पर आ गई है। सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 फीसदी कोटा देने के बाद बैंगलुरू से शुरू हुई सियासी लड़ाई दिल्ली तक आते-आते संविधान पर आ गई। बीजेपी पर संविधान बदलकर आरक्षण खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाने वाली कांग्रेस खुद कटघरे में आ गई है। दरअसल, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक बयान ने इस मुद्दे को हवा दे दी, जिस पर संसद में सोमवार को जमकर हंगामा देखने को मिला।
मुस्लिम आरक्षण पर कर्नाटक में शुरू हुआ सियासी घमासान सोमवार को संसद भवन पहुंच गया। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी नोकझोंक हुई। किरेन रिजिजू ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को बर्खास्त करने की मांग की। शिवकुमार के उस बयान का हवाला देकर कांग्रेस पर निशाना साधा जिसमें शिवकुमार ने मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान बदलने की बात कही थी।
डीके शिवकुमार ने दरअसल एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में मुस्लिम आरक्षण पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था ”मैं इस बात से सहमत हूं कि हर कोई मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ कोर्ट जाएगा। देखते हैं कि कोर्ट क्या फैसला देता है। हम अच्छे दिन का इंतजार कर रहे हैं। अच्छा दिन आएगा, कई बदलाव होंगे संविधान भी बदला जाएगा”। राज्यसभा में हंगामे और शोर-शराबे के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार किया।
खरगे ने कहा कि संविधान को कोई नहीं बदल सकता। खरगे की सफाई के बावजूद राज्यसभा में हंगामे और शोर-शराबे के चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं, मामला बढ़ने पर कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने सफाई दी। बीजेपी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
कर्नाटक की कांग्रेस शासित सिद्धारमैय्या सरकार ने हाल ही में सरकारी ठेकों में 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण का बिल पास किया है। जाहिर है लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पानी-पानी पीकर बीजेपी पर संविधान बदलकर SC/ST आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया था। लेकिन, आज उसी कांग्रेस पर ये आरोप लग रहा है कि वो मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए संविधान बदलने को भी तैयार है।