लखनऊ : Sai’s idol Removed from Temples : उत्तर प्रदेश में काशी के कुछ मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दी गई है या मूर्तियों को लपेट कर अलग रख दिया गया है। आखिर काशी के मूर्तियों से क्यों हटाई जा रही सांई बाबा की मूर्ति और साईं बाबा को किसने कहा चांद मिंया।
शिर्डी के सांई बाबा को कौन नहीं जानता।संत और फकीर के रूप में पूजे जाने वाले सांई बाबा को लेकर लोगों में गहरी श्रद्धा है।
Sai’s idol Removed from Temples : काशी के मंदिरों से इनदिनों सांई बाबा की मूर्ति हटाने की मुहिम चल पड़ी है। सबसे पहले काशी के बड़ा गणेश मंदिर से सांई मूर्ति को हटाया गया। आने वाले दिनों में कई और मंदिरों से मूर्तियों को हटाया जाएगा। मूर्ति हटाने की कार्रवाई सनातन रक्षक दल कर रहा है। उसका दावा है कि साईं बाबा का असली नाम चांद मियां था, जो मुस्लिम थे। इसलिए उनकी पूजा सनातन पद्धति के तहत नहीं किया जा सकता।
मंदिरों में सांई की मूर्ति रखने के पीछे सनातन रक्षक दल ने साजिश तक करार दिया है। मामले में अब पुलिस भी सक्रिय हो गई है, ताकि कोई तनाव जैसी स्थिति पैदा न हो। इधर समाजवादी पार्टी कह रही है कि, इसके जरिए काशी में माहौल खराब करने का प्रयास हो रहा।
Sai’s idol Removed from Temples : काशी में अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ति हटाई जा चुकी है। वैसे सांई को लेकर विवाद नयी नहीं है। पहले भी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सांई पूजा का विरोध किया था, तो बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने भी कहा था कि, सांई बाबा के रूप में पूजे जा सकते हैं लेकिन परमात्मा के रूप में नहीं।
यानी काशी के मंदिरों से मूर्ति को हटाने के बाद फिर सांई भगवान के नाम पर फिर घमासान मचा है।