भोपालः Amarwada by-election छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीतने के बाद बीजेपी की नजर इसकी अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर है। बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए अभी रायशुमारी ही कर रही है। इन सब के बीच सवाल ये बना हुआ है कि क्या कमलनाथ छिंदवाड़ा में अपनी बची-खुची साख बचा पाएंगे या फिर बीजेपी कांग्रेस को अमरवाड़ा से भी बेदखल कर देगी?
Amarwada by-election दरअसल, आगामी 10 जुलाई को अमरवाड़ा में उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है। बीजेपी ने जहां कांग्रेस छोड़कर आए कमलेश शाह को अपना उम्मीदवार बनाया है..तो कांग्रेस अभी भी पशोपेश में है, लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने देव रावेन भलावी को मैदान में उतारकर मुकाबला त्रिकोणीय जरूर बना दिया है. कांग्रेस किसे अपना उम्मीदवार बनाती है। इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है, लेकिन दूसरी तरफ बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह ने मंगलवार को शक्ति प्रदर्शन के साथ अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान सीएम मोहन यादव और वीडी शर्मा भी मौजूद रहे। नामांकन के बाद सीएम मोहन यादव ने अमरवाड़ा उपचुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत का दावा किया।
अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। कमलेश एक बार फिर मैदान में हैं, लेकिन इस बार वो हाथ का पंजा नहीं बल्कि पहली बार कमल के फूल पर अपनी किस्मत आजमाएंगे। जिसके खिलाफ कांग्रेस को मजबूत उम्मीदवार की तलाश है।
अब जरा नजर डालते हैं अमरवाडा विधानसभा सीट के सियासी समीकरणों पर बीजेपी लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को ढहा चुकी है। लोकसभा चुनाव में अमरवाड़ा विधानसभा में बीजेपी को 15000 से ज्यादा वोट मिले हैं। अमरवाड़ा विधानसभा में 9 बार कांग्रेस जीती है, जबकि बीजेपी को सिर्फ दो बार जीती मिली है। हालांकि 2003 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी यहां जीत दर्ज की थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कमलेश शाह ने बीजेपी प्रत्याशी को 25 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने से अमरवाड़ा सीट खाली हुई है। कमलेश शाह लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर अमरवाड़ा से जीत चुके हैं।
छिंदवाड़ा दशकों तक कमलनाथ का मजबूत गढ़ रहा, लेकिन अब बीजेपी इसमें सेंध लगा चुकी है। यही वजह है कि अमरवाड़ा में उपचुनाव की जंग सिर्फ महज चुनाव नहीं बल्कि कांग्रेस और बीजेपी की साख की लड़ाई है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद नकुलनाथ साफ कर चुके हैं कि वो छिंदवाड़ा से बोरिया बिस्तर बांधकर कहीं नहीं जा रहे हैं। संकेत साफ है उपचुनाव में नाथ परिवार और कांग्रेस अपने गढ़ को बचाने की पूरी कोशिश करेगी। ऐसे में लड़ाई दिलचस्प होने के आसार हैं।