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भोपाल : #SarkarOnIBC24 : एमपी में मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। कांग्रेस से बीजेपी में आए रामनिवास रावत अब मोहन सरकार में मंत्री बन गए हैं। लेकिन ये बीजेपी के पुराने विधायकों के लिए किसी झटके से कम नहीं है क्योंकि करीब आधा दर्जन बीजेपी विधायकों को उम्मीद थी कि उनका नंबर लग सकता है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
मोहन कैबिनेट में बाकी बचे पदों पर किसकी लॉटरी लगती है ये तो भविष्य में छिपा है, लेकिन रामनिवास रावत के शपथ ग्रहण में छोटी सी गफलत पर सियासत गरमा गई। दरअसल रामनिवास रावत को दो बार शपथ दिलाई गई। जिसे कांग्रेस ने बीजेपी की डील का हिस्सा बताया, तो रामनिवास रावत ने महज भूल करार दिया।.
15 मिनट के भीतर रामनिवास रावत ने दो बार मंत्री पद की शपथ ली। पहली बार इन्होंने राज्यमंत्री की शपथ ली।.तो दूसरी बार फिर कैबिनेट मंत्री की फिर क्या था।.कांग्रेस तो वैसे भी रामनिवास रावत से खुन्नस खाए बैठी थी।.लिहाजा ताबड़तोड़ जुबानी तीर चले।
दो बार शपथ को कांग्रेस ने डील से जोड़ा तो रामनिवास रावत ने दो टूक कहा..छोटी सी भूल की वजह से दूसरी बार शपथ लेनी पड़ी। कांग्रेसी क्या कहते हैं मुझे फर्क नहीं पड़ता।
डील बनाम भूल पर जारी सियासत के बीच उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने नया ही एंगल दे दिया।.हेमंत ने आशंका जताई कि रामनिवास रावत का इस्तीफा बैक डेट पर मंजूर न हो जाये।
हालांकि रावत ने दोपहर बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया लेकिन ये भी सच है कि जब उन्होंने शपथ ली तो रिकॉर्ड में कांग्रेस विधायक ही थे। इसलिए भले रावत दो बार शपथ को छोटी सी भूल बताए लेकिन विपक्ष को नया हथियार मिल गया, जिससे वो बीजेपी सरकार पर हमलावर है।