भोपाल: MP Politics : मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी में है। सरकार ने RBI से 17 और 21 साल के लिए ढाई-ढाई हजार करोड़ का कर्ज लेने का फैसला किया है। खास बात ये है कि 5 महीनों में ये छठवीं बार है जब सरकार का खर्च उसकी आमदनी से ज्यादा हो गया है। जिसके चलते सरकार अपना खर्च चलाने के लिए कर्ज लेने पर मजबूर हुई है। एमपी सरकार का कुल बजट तकरीबन 4 लाख करोड़ रुपए है। RBI से लोन लेने के बाद कुल कर्ज भी 4 लाख करोड़ हो जाएगा। सरकार ये कर्ज लाडली बहना योजना की राशि और विकास कार्यों पर खर्च करेगी। दूसरी ओर सरकार के बार-बार कर्ज लेने पर कांग्रेस ने एक फिर सरकार के कामकाज के तरीके पर निशाना साधा। जिसका बीजेपी ने बचाव किया।
MP Politics : जानकारी के मुताबिक, पहले सप्लीमेंट्री बजट पेश करने के बाद सरकार 5000 करोड़ का लोन लेगी। गौरतलब है कि मोहन सरकार ने सितंबर, अक्टूबर नवंबर में भी 5-5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था। सरकार के लगातार कर्ज लेने से प्रदेश वासियों पर भी इसका बोझ बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि मध्य प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति 52 हजार रुपए के कर्ज के बोझ के तले दब गया है। मौजूदा वित्तीय अब तक 25,000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। 23 जनवरी को 2,500 करोड़ रुपए का कर्ज सरकार ने लिया। 6 फरवरी को 3,000 करोड़ रुपए, 20 और 27 फरवरी को 5,000-5,000 करोड़ रुपए का ऋण एमपी सरकार ने किया। 26 मार्च को 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया।