#SarkarOnIBC24 : नीति आयोग की बैठक से विपक्ष की दूरी। Mamata Banerjee का माइक वाला राग..

NITI Aayog Meeting : दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक के बाद ममता बनर्जी एक बार फिर सुर्खियों में रही। ममता ने सीधा-सीधा आरोप ये लगा दिया कि

  •  
  • Publish Date - July 27, 2024 / 11:10 PM IST,
    Updated On - July 27, 2024 / 11:10 PM IST

नई दिल्ली : NITI Aayog Meeting : दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक के बाद ममता बनर्जी एक बार फिर सुर्खियों में रही। ममता ने सीधा-सीधा आरोप ये लगा दिया कि जब वो बोल रहीं थी तो उनका माइक बंद कर दिया गया और फिर वो बैठक से बाहर आ गईं। हालांकि सरकार ने ममता के इस बयान का खंडन कर दिया और कहा कि ममता बनर्जी को सच बोलना चाहिए।

नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलकर ममता बैनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में पक्षपात किया जा रहा। ममता ने बैठक का वॉकआउट करने की वजह बताते हुए कहा कि बैठक में विपक्ष की ओर से सिर्फ वो शामिल हुईं थी। भाजपा के मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए 10 से 20 मिनट का समय दिया गया, जबकि उन्हें केवल 5 मिनट मिले। ममता बनर्जी ने कहा कि वो बोल रहीं थी और माइक बंद कर दिया।

यह भी पढ़ें : Face To Face Madhya Pradesh: ‘बीज’ पर बवाल..Congress का सवाल, जानें बीज पर अभी क्यों बिफरी कांग्रेस?, देखें खास रिपोर्ट 

NITI Aayog Meeting :  ममता बनर्जी के इन आऱोपों पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि ममता जी का बयान 100% सही है।

इधर, सरकार ने पश्चिम बंगाल CM के इन आरोपों को झूठा बताया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा कि ममता को बोलने का पूरा मौका दिया गया था। उन्हें बाहर आकर सच बोलना चाहिए।

आपको बता दें कि I.N.D.I.A ब्लॉक के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मीटिंग का बॉयकॉट किया। बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया,तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल नहीं हुए।

यह भी पढ़ें : CG Ki Baat: इधर ‘बजट’ का प्रचार… उधर कांग्रेस का प्रहार, क्या Budget को लेकर सियासी बैलेंस बनाए रखने की कोशिश में है BJP…? 

NITI Aayog Meeting :  बजट आवंटन से शुरू हुई सियासत अब नीति आयोग की बैठक तक जा पहुंची है। पहले विपक्ष ने बजट आवंटन में गैर बीजेपी शासित राज्यों से भेदभाव होने का आरोप लगाया और अब नीति आयोग की बैठक में बोलने का कम मौका मिलने का आरोप लगाया, लेकिन सवाल ये है कि क्या भारत सरकार की वैधानिक बैठक में सम्मिलित होना सारे मुख्यमंत्रियों की संवैधानिक दायित्व नहीं है? क्या संघीय भावना के विरुद्ध बर्ताव कर विपक्ष विभाजन की नई राजनीति की शुरुआत तो नहीं कर रहा है?

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp