मुंबई : Maharashtra Assembly Election 2024: झारखंड में भले NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया हो, लेकिन महाराष्ट्र में अभी भी मंथन का दौर चल रहा है। महाराष्ट्र में चुनाव मैदान में कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना और NCP भी हैं और ये दोनों क्षेत्रीय पार्टियां दो गुटों में बंट चुकी हैं और एक दूसरे के खिलाफ लड़ रही है। जिसके चलते महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई बेहद पेचीदा हो चुकी है। दूसरी ओर इन पार्टियों में सीटों का वंटवारा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र की चुनावी जंग इस बार बेहद दिलचस्प रहने वाली है..विधानसभा की 288 सीटों के लिए एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। दरअसल चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी ताल ठोक रहे हैं, लेकिन इन गठबंधनों में शामिल पार्टियों में खींचतान इतनी ज्यादा है, कि सीट शेयरिंग के किसी फॉर्मूले पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। जबकि चुनाव की तारीख सामने आ चुकी है हर पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीट चाहती है। बात अगर महाविकास अघाड़ी की करें तो इस गठबंधन में- कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP (शरद गुट) शामिल हैं.. कई बैठकों के बाद भी इनके बीच कौन-कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा ये तय नहीं हो पाया है।
महाविकास अघाड़ी की चुनौती यहीं तक सीमित नहीं है। कतार में अखिलेश यादव की सपा और ओवैसी की AIMIM भी है, जो सीट शेयरिंग में अपना-अपना हिस्सा मांग रहे हैं।
Maharashtra Assembly Election 2024: महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग पर मचे घमासान पर महायुति गठबंधन के नेता चुटकी ले रहे है। महायुति गठबंधन भले MVA में सीट शेयरिंग पर मची खींचतान के मजे ले रहा हो, लेकिन ये भी सच है कि महायुति में शामिल पार्टियों में भी सीट बंटवारा नहीं हो पाया है।
महायुति में बीजेपी, शिंदे गुट वाली शिवसेना और अजीत पवार की NCP शामिल है। महाविकास आघाड़ी जैसी खींचतान महायुति में भी देखने को मिल सकती है। साफ है महाराष्ट्र की महाभारत में अभी बहुत कुछ ऐसा है जो परदे के पीछे है। सीटों के बंटवारे और प्रत्याशियों को टिकट बांटने के बाद कैसी तस्वीर सामने आएगी। महाराष्ट्र के वोटर भी शायद इसका अंदाजा नहीं लगा पा रहे होंगे।