नई दिल्ली: अब बात पश्चिम बंगाल की यहां एक महिला को तालीबानी सजा देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक जोड़े को बेरहमी से पीटा जा रहा है और जो जोड़े को पीट रहा है। कथित तौर पर उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा का एक स्थानीय टीएमसी नेता है, लेकिन उससे बड़ी बात घटना पर स्थानीय टीएमसी विधायक हमीदुल रहमान ने मुस्लिम राष्ट्र को कोट करते हुए ऐसा बयान दिया, जिसपर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार बीजेपी के निशाने पर आ गई।
पश्चिम बंगाल में सड़क पर एक जोड़े को बेरहमी से पीटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी को भले गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस घटना के बाद बीजेपी ने ममता दीदी पर पश्चिम बंगाल में शरिया कानून चलाने का आरोप मढ़ दिया। बीजेपी नेताओं ने क्या कहा, और उसके आरोपों पर टीएमसी का जवाब आपको सुनाएंगे। पहले आपको टीएमसी विधायक हमीदुल रहमान ने का वो बयान सुनना चाहिए। जिसमें वो महिला के साथ हुई पिटाई को जायज ठहरा रहे हैं।
जी हां, टीएमसी विधायक के मुताबिक ये गांव का मामला है, और इसका पार्टी से कोई लेन-देन नहीं है। साथ ही वो महिला के साथ पिटाई को ये कहते हुए जस्टीफाई कर रहे हैं कि मुस्लिम देश के अनुसार कुछ नियम और न्याय हैं, वहां ऐसा ही होता है। खैर टीएमसी विधायक का मामले मे मुस्लिम राष्ट्र का उल्लेख करना बीजेपी को रास नहीं आया और बंगाल में तालीबानी राज चलने और ममता सरकार पर शरिया कानून लागू करने का आरोप लगा दिया।
मामले में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी X पोस्ट करते हुए घटना पर दुख जताते हुए ममता सरकार की आलोचना की, और वीडियो को भयावह बताया। बीजेपी के ताबड़तोड़ हमले पर टीएमसी ने बीजेपी नेताओँ को उन राज्यों पर नजर रखने की हिदायत दी। जहां उनकी सरकार है।
कुल मिलाकर संदेशखाली में जिस तरह से ममता दीदी विपक्ष के निशाने पर रही, और अब उत्तरी दिनाजपुर में जिस बर्बर तरीके से प्रेमी जोड़े को पिटा गया और जिस तरह से टीएमसी के स्थानीय विधायक ने इस तालीबानी सजा को सही ठहराया। कई सवाल जरूर खड़ा करता है। सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या मां, माटी और मानुष का नारा बुलंद करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस इंसाफ के पक्ष में हैं। क्या पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा नहीं बल्कि एक मुस्लिम राष्ट्र है?