CG Politics/ Image Credit: IBC24
रायपुर: CG Politics: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक तरफ जहां कम वोटिंग को लेकर बयानबाजी जारी है, तो वहीं कांग्रेस में वोटिंग खत्म होने के साथ नया बखेड़ा खड़ा हो गया। पार्टी ने आनन-फानन में 18 निष्कासित नेताओं की वापसी का रास्ता साफ कर दिया। जिस पर पार्टी के भीतर ही विरोध के सुर तेज हो गए, जिसका झंडा बुलंद किया पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने।
CG Politics: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने निकाय चुनाव की वोटिंग पूरी होते ही निष्कासित नेताओं की घर वापसी का अभियान शुरू कर दिया। छानबीन समिति की रिपोर्ट के आधार पर पूर्व MIC मेंबर अजीत कुकरेजा समेत 18 कांग्रेसियों की वापसी करा दी, लेकिन पार्टी की ये कवायत कांग्रेस के पुराने और वफादार नेताओं को रास नहीं आ रही और वो खुलकर इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। इन्हीं में से एक नाम है कुलदीप जुनेजा का जो अजीत कुकरेजा की कांग्रेस में वापसी पर भड़क गए और शायराना अंदाज में अजीत कुकरेजा और अपनी ही पार्टी पर हमला बोला।
कुलदीप जुनेजा की नाराजगी यूं ही नहीं है, बल्कि इसकी एक बड़ी वजह है। 2023 का छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जिसमें कुलदीप जुनेजा रायपुर उत्तर सीट से सीटिंग विधायक थे और कांग्रेस के टिकट पर दोबारा मैदान में उतरे थे, लेकिन जीत बीजेपी प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा की हुई थी। कुलदीप की हार की एक बड़ी वजह थी अजीत कुकरेजा का बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ना। वोट बंटने से कुलदीप दोबारा विधायक नहीं बन सके थे। कुलदीप जुनेजा के निशाना बनाने पर अजीत कुकरेजा ने भी अपना पक्ष रखा है।
CG Politics: कांग्रेस में घर वापसी पर मचे घमासान पर बीजेपी भी खूब चुटकी ले रही है। बीजेपी तंज कस रही है, कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि नेताओं की पार्टी है। जहां आम कार्यकर्ता की कोई पूछ नहीं है।
कांग्रेस के साथ आज सबसे बड़ी विडंबना ये है कि एक तरफ उसके कई नेता और कार्यकर्ता बीजेपी की दामन थामते जा रहे हैं। वहीं अगर पार्टी अपने बागी नेताओं की घर वापसी कराती तो उसे पार्टी में ही इसके विरोध का सामना करना पड़ जाता है। इससे पार्टी का अनुशासन तो भंग होता ही है। दलबदल को भी प्रोत्साहन मिलता है। घर वापसी करने वाले नेता ठीक से एडजस्ट भी नहीं हो पाते।