नई दिल्ली : Ayodhya Rape Case : देश की सियासत आज एक बार फिर बुलडोजर एक्शन के आसपास घुमती नजर आई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई अहम बाते कहीं। असम सरकार को कोर्ट की अवमानना मामले में नोटिस जारी किया। उधर अयोध्या गैंगरेप केस की DNA रिपोर्ट भी सामने आ गई। जिसने बुलडोजर एक्शन को सवालों के घेरे में ला दिया।
Ayodhya Rape Case : यूपी के अयोध्या भदरसा गैंगरेप केस पर सियासत एक बार फिर गरमा गई है। इस केस से जुड़ी DNA रिपोर्ट सामने आ चुकी है। सपा नेता मोइन खान का DNA मैच नहीं हुआ है। जिसके चलते कांग्रेस और सपा योगी सरकार पर हमलावर हो गई है। दरअसल बीजेपी मोइन खान को शुरू से मुख्य आरोप बता रही थी और इसी आधार पर योगी सरकार ने मोईन खान के घर और सम्पत्ति पर बुलडोजर चला दिया था। DNA रिपोर्ट सामने आने के बाद सपा और कांग्रेस ने योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाए हैं।
DNA रिपोर्ट को लेकर सपा और कांग्रेस हमलावर है, तो दूसरी तरफ सत्ता पक्ष ने पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया।
सुप्रीम कोर्ट में भी मंगलवार को बुलडोजर एक्शन की गूंज सुनाई दी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने केस की सुनवाई करते हुए कई अहम टिप्पणियां की कोर्ट ने कहा- जब तक अंतिम फैसला नहीं आ जाता देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी, लेकिन अवैध अतिक्रमण पर ये रोक लागू नहीं होगी। मंदिर हो या फिर दरगाह अवैध अतिक्रमण हटाया ही जाएगा। भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और हमारे आदेश सभी पर लागू होंगे। रोक के बाद भी बुलडोजर एक्शन हुआ तो मुआवजा दिया जाएगा।
Ayodhya Rape Case : ये बात जगजाहिर है कि न्याय में देरी और पीड़ित पक्ष को जल्द संतुष्ट कराने के लिए सरकारे बुलडोजर एक्शन को बढ़ावा दे रही है, जो सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं रहा बल्कि ऐसे उदाहरण मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम जैसे बीजेपी शासित राज्यों में ज्यादा देखने को मिले है। विपक्ष का आरोप है कि बुलडोजर एक्शन में भेदभाव हो रहा है और मुस्लिम समुदाय को टारगेट किया जा रहा है। जिसके चलते कोर्ट ने इसकी समीक्षा का फैसला किया है। कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद इस विवाद के जल्द समाधान की उम्मीद है।