श्योपुर : Vijaypur Assembly By-Election 2024: कहते हैं चंबल में जिसने जाति को साध लिया..वो चुनाव जीत लिया। यहीं, वजह मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर होने जा रहे है। उपचुनाव में राजनीतिक दल जातियों का साधने में लगे हुए है।
Vijaypur Assembly By-Election 2024: दरअसल, इसके पीछे वजह है विजयपुर सीट का जाति समीकरण, जो हर चुनाव में डिसाइडिंग फैक्टर साबित होते हैं। 1957 से लेकर अब तक विजयपुर में 15 चुनाव हुए, जिसमें 9 बार कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है, तो वहीं 6 बार बीजेपी चुनाव जीती है। लेकिन इस बार सियासी समीकरण बदला हुआ है। रामनिवास रावत कांग्रेस की जगह बीजेपी की टिकट पर चुनाव मैदान में है। ऐसे में जनता अपना वोट चेहरा या पार्टी देखकर वोट करती है, ये तो चुनाव नतीजे बताएंगे।
विजयपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भले ही बीजेपी विकास और कांग्रेस गद्दार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। मगर यहां जातिगत समीकरण चुनाव पर हावी है। यही वजह कि दोनों पार्टियों ने भी अब जातिगत समीकरणों को साधने पर फोकस बढ़ा दिया है। बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत, कांग्रेस से मुकेश मल्होत्रा, भारत आदिवासी पार्टी से नेतराम सहरिया, आजाद समाज पार्टी से भारती पचौरी, राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी से मंजू आदिवासी और 6 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।
लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है..चलिए अब विजयपुर में जातियों का गणित भी समझ लीजिए..
– अदिवासी- 60 हजार के करीब
– जाटव समाज- 35 हजार के करीब
– माली, कुशवाह- 30 हजार के करीब
– धाकड़, ब्राह्मण, रावत-मीणा, गुर्जर-मारवाड़ी अन्य
– 65 हजार के करीब है।
Vijaypur Assembly By-Election 2024: जाति के गणित को कांग्रेस भी बेहतर समझती है। इसलिए वो दावा कर रही है कि, जो पिछड़ी जातियां है, वो व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस के साथ है।
Vijaypur Assembly By-Election 2024: नतीजे बताते हैं कि, पिछले चुनाव तक आदिवासी वोटर्स का झुकाव कांग्रेस की तरफ रहा है। रामनिवास रावत के बीजेपी जॉइन करने के बाद कांग्रेस ने सहरिया आदिवासी समुदाय से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को टिकट दिया। वे सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे हैं। आदिवासी के बाद कुशवाह समाज के वोटरों की संख्या करीब 30 हजार है। जो जीत और हार तय करते है, हालांकि बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस की जमानत जब्त होगी।
बीजेपी-कांग्रेस के लिए विजयपुर नाक की लडाई बनी हुई है। हालांकि दोनों खेमों के लिए चुनौती कम नहीं है। बीजेपी के लिए खुद सूबे के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव सहित बीजेपी के तमाम नेताओँ ने पूरी ताकत झोंक दी है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी के 12 विधायकों ने यहां डेरा डाल रखा है। अब देखना है कि किसकी कोशिश रंग लाती है।