लखनऊ : UP By-Election 2024 : यूपी की 9 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव क्या एक बार फिर हिंदू-मुसलमान के मुद्दे पर होगा। ये सवाल यूं ही नहीं उठ खड़ा हुआ है दरअसल समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को बाकायदा पत्र लिखकर मांग कर डाली कि वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिलाओं के बुर्के हटाकर जांच नहीं की जाए। दूसरी तरफ यूपी के AIMM चीफ ने वोटिंग से पहले हिंदू मुस्लिम का राग छेड़ दिया है, कहा कि सड़क पर नमाज पढ़ने पर जिस सरकार को एतराज है। वही सरकार कांवड़ियों की दिल खोलकर स्वागत करती है।
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UP By-Election 2024 : यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में अब 12 घंटे भी नहीं बचे है, लेकिन उससे पहले हिंदू-मुस्लिम के नाम पर होने वाली सियासत केंद्र में आ गई है।दिलचस्प बात ये है कि इस बार इसकी वजह बीजेपी या कोई हिंदूवादी संगठन नहीं है। बल्कि समाजवाजी पार्टी और AIMIM है। सपा ये सुनिश्चित करना चाहती है कि वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिलाओं के वोटर आईडी पुलिस नहीं जांचे और उनके बुर्के हटाकर भी जांच नहीं की जाए। सपा ने इसके लिए बाकायदा चुनाव आयोग को पत्र तक लिख डाला है। सपा की इस चिट्टी ने सियासी तूल पकड़ लिया। बीजेपी ने तंज कसा कि सपा संभावित हार के लिए अभी से बहाने ढूंढ रही है।
समाजवादी पार्टी की चुनाव आयोग को लिखी चिट्टी पर शुरू हुई सियासी बयानबाजी अभी थमी भी नहीं थी कि AIMIM की यूपी इकाई के अध्यक्ष शौकत अली ने हिंदू-मुसलमान का राग अलापा दिया कहा कि जिस सरकार को सड़क पर नमाज पढ़ने पर एतराज है। वही सरकार कांवड़ियों की दिल खोलकर स्वागत करती है।
कांवड़ियों पर दिए विवादित बयान पर बीजेपी-कांग्रेस ने भी जवाबी हमला किया।
UP By-Election 2024 : यूपी AIMIM चीफ शौकत अली ने कांवड यात्रियों के स्वागत पर सवाल उठाए, तो महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी ने भी इस पर पलटवार किया।
वोटिंग से ठीक पहले जिस तरह सपा ने अपने मुस्लिम वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा और यूपी के AIMIM चीफ ने कांवण यात्रियों और नमाजियों की एक दूसरे से तुलना की उससे साफ है कि यूपी उपचुनाव में धर्म का तड़का लग ही चुका है। इसी के इर्द-गिर्द ध्रुवीकरण की सियासी बिसात बिछती दिख रही है। जिसका किसे फायदा होता है किसे नुकसान ये 23 नवंबर को साफ हो जाएगा।