रायपुर : Raipur South Assembly By Election 2024 : लंबे चुनावी घमासान और सियासी उठापटक के बाद आज रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट का उपचुनाव भी संपन्न हो गया। दोनों पक्षों के धुआंधार प्रचार के बावजूद रायपुर दक्षिण सीट पर वोटिंग प्रतिशत अब हुए सभी चुनाव में सबसे कम रहा है। अब तक तकरीबन 50 फीसद मतदान की खबर है। जबकि पिछली बार 2023 में यहां 60.2 फीसद वोट पड़े थे।
Raipur South Assembly By Election 2024 : चुनाव आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा, हालांकि कुछ स्थानों पर छिटपुट विवाद की स्थिति भी बनी। उपचुनाव में यू तो 30 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर है, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही माना जा रहा है। जिसका नतीजा 23 नवंबर को आएगा। बीजेपी जहां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है तो वहीं कांग्रेस इतिहास बदलने का दावा कर रही है।
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर 35 साल पुरानी रवायत कायम रहती है या जनता बदलाव चाहती हैं। इसका फैसला वोटरों ने EVM के जरिए कर दिया..
बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी या कांग्रेस के युवा नेता आकाश शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल की विरासत को इन दोनों नेताओं में से कौन आगे बढ़एगा.. ये 23 नवंबर को साफ हो जाएगा।
रायपुर दक्षिण सीट पर वोटिंग पैटर्न की अगर बात करें तो कई मतदान केंद्रों पर सुबह से ही वोटर्स की कतार देखने को मिली, तो कहीं धीरे-धीरे मतदान ने जोर पकड़ा। मतदान के दौरान दानी गर्ल्स स्कूल के पोलिंग बूथ पर बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में विवाद की स्थिति भी बनी। बताया जा रहा है कि बीजेपी का गमछा पहनकर मतदान केंद्र जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई तो वहीं महापौर एजाज ढेबर के फूड पैकेट बांटने पर भाजपाईयों ने आपत्ति की। रायपुर दक्षिण सीट पर 30 प्रत्याशी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। दोनों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया और रायपुर के विकास की बात कही।
Raipur South Assembly By Election 2024 : रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ है। 35 साल तक बृजमोहन अग्रवाल का एकछत्र रहा है। इस सीट को निकालना सिर्फ बीजेपी के लिए ही नहीं बल्कि बृजमोहन अग्रवाल के लिए भी जरूरी है, ताकि अपने सियासी दबदबे और रसूख पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिले।
कांग्रेस के पास इस चुनाव में गंवाने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन बीजेपी का गढ़ भेदने का मौका जरुर है। यही वजह है कि चुनावी कैंपेन के दौरान जमकर जुबानी तल्खी देखने को मिली। कभी वायरल वीडियो पर बवाल मचा तो कभी कार्टून वार देखने को मिला। कभी कानून-व्यवस्था पर बयानबाजी हुई तो कभी रायपुर के विकास पर नेता आपस में भिड़ गए। बहरहाल जनता का फैसला अब EVM में बंद हो चुका है। 23 नवंबर को साफ हो जाएगा कि जनता किसके साथ है।