नई दिल्ली : Parliament Winter Session : आज संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस मनाया गया। इस दौरान संविधान की 75 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 75 रुपए का सिक्का और स्मारक डाक टिकट जारी किया, तो दूसरी तरफ सदन के बाहर संविधान पर सियासी पारा हाई रहा। अंग्रेजों के शासन काल से लेकर आपातकाल तक का जिक्र हुआ और एक दूसरे पर संविधान को खत्म करने का आरोप लगा।
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शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक बार फिर तलवारें खिंचीं। इस बार बहस का मुद्दा था संविधान जी हां संविधान दिवस पर संविधान के बहाने पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे को कठघरे में खड़ा किया।
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Parliament Winter Session : संसद भवन में संविधान दिवस मनाए जाने के बाद से ही कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान को कमजोर करने वालों के पुरखे अंग्रेजों के मुखबिर थे, तो अखिलेश यादव ने खुद को संविधानवादी कहते हुए बीजेपी पर तंज कसा और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने RSS और बीजेपी पर निशाना साधा।
कांग्रेस के आरोपों पर NDA नेताओं ने पलटवार करते हुए आक्रामक रुख अपनाया केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मोदी सरकार के काम गिनवाए और राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। वहीं केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने कांग्रेस को आपातकाल की याद दिलाते हुए संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया, तो बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने राहुल गांधी पर संविधान का पालन ना करने के आरोप मढ़े।
Parliament Winter Session : ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब विपक्ष संविधान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BJP की घेराबंदी कर रहा। इससे पहले लोकसभा चुनाव से लेकर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी और विपक्ष के नेताओं ने ये मुद्दा जोर-शोर से उठाया। अब संसद के शीतकालीन सत्र में जिस तरह से संविधान पर संग्राम मचा है, यानी विपक्ष एक बार फिर संविधान पर ही आर-पार की लड़ाई के मूड में है।