रायपुर : Raipur Dakshin By-Election : रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट पर जल्दी ही चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। कांग्रेस और बीजेपी जहां इसकी रणनीति बनाने में लगे हैं। वहीं इस सीट पर दिलचस्प चुनावी समीकरण उभर रहा है। बीजेपी ही नहीं बल्कि कांग्रेस से भी दक्षिण सीट पर बाहरी प्रत्याशियों ने टिकट के लिए दावेदारी ठोक दी है। जिससे दोनों पार्टियां पसोपेश में पड़ गई हैं।
रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट पर बृजमोहन अग्रवाल की गैर मौजूदगी से पहली बार बीजेपी और कांग्रेस नेताओं की उम्मीदें जगी है, लेकिन यहां एक अनार सौ बीमार जैसे हालात दिख रहे हैं। टिकट के लिए स्थानीय नेताओं की जोर-आजमाइश से पहले ही कांग्रेस और बीजेपी के बाहरी नेताओं ने दावेदारी ठोक दी है।
Raipur Dakshin By-Election : बात अगर कांग्रेस की करें तो यहां राजनांदगांव के कांग्रेस नेता अफताब आलम के लिए टिकट की मांग हो रही हैं। इसी तरह पूर्व सीएम मोतीलाल वोरा के परिवार से राजीव वोरा के लिए टिकट मांगा जा रहा है।
कांग्रेस नेता तर्क दे रहे हैं कि जब रायपुर के नेता राजनांदगांव से चुनाव लड़ सकते हैं, तो वहां के नेता को भी रायपुर दक्षिण से टिकट मिलना चाहिए।
बीजेपी भी इससे अछूती नहीं है। रायपुर दक्षिण से टिकट के लिए रायपुर पश्चिम, ग्रामीण और उत्तर के नेता दावेदारी कर रहे हैं। संजय श्रीवास्तव, मीनल चौबे, केदार गुप्ता और अमित साहू के नाम दावेदारों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।
कांग्रेस और बीजेपी में जहां स्थानीय बनाम बाहरी पर बहस जारी है वहीं दोनों पार्टी नेताओं में इस पर जुबानी जंग भी छिड़ गई है।
Raipur Dakshin By-Election : विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भी बाहरी बनाम स्थानीय की बहस खूब गरमाई थी। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने दुर्ग से होते हुए भी राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसी तरह करुणा शुक्ला और गिरीश देवांगन भी विधानसभा चुनाव में बाहरी प्रत्याशी थे। साफ है स्थानीय की जगह बाहरी को प्राथमिकता देने की कांग्रेस और बीजेपी की नीति अब उन्हीं पर भारी पड़ती दिख रही है।