Battle of slogans, came from Maharashtra to Chhattisgarh

#SarkarOnIBC24 : नारों की लड़ाई, Maharashtra से Chhattisgarh आई, चुनावी नारों पर खुला नया मोर्चा

#SarkarOnIBC24 : बंटोगे तो कटोगे.. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस नारे को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए गेमचेंजर माना जा रहा

Edited By :   Modified Date:  November 15, 2024 / 11:37 PM IST, Published Date : November 15, 2024/11:37 pm IST

नई दिल्ली : #SarkarOnIBC24 : बंटोगे तो कटोगे.. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस नारे को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है, लेकिन अब यही नारा महायुति गठबंधन में दरार की वजह बन गया है। NCP नेता अजीत पवार ने सबसे पहले इस नारे पर सवाल उठाए। उसके बाद बीजेपी के अंदर से ही विरोध की आवाज उठी। पंकजा मुंडे के बाद अशोक चव्हाण ने भी इस नारे को अप्रासंगिक बता दिया।

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#SarkarOnIBC24 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की जंग दिन-प्रतिदिन दिलचस्प होती जा रही है। चुनावी घोषणा पत्रों और वादों पर ही नहीं यहां नारों पर भी जंग छिड़ी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के महाराष्ट्र की एक चुनावी सभा में लगाए बंटोगे तो कटोगे नारे पर शुरु हुआ बवाल थमता नहीं दिख रहा। महायुति गठबंधन में साझेदार NCP नेता अजीत पवार ने सबसे पहले इस पर सवाल उठाए। 9 नवंबर को दिए अपने एक बयान में कहा… ‘बटेंगे तो कटेंगे का नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। अजीत पवार ने शुक्रवार को एक बार फिर इस नारे पर निशाना साधा है।

अजीत पवार अकेले नहीं हैं, बल्कि इस नारे पर आपत्ति महाराष्ट्र बीजेपी के कुछ नेताओं को भी है जो खुलकर इसकी मुखालफत कर रहे हैं। कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए अशोक चव्हान ने इस नारे पर सवाल उठाए अशोक चव्हान ने कहा- “इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है। यह नारा सही भी नहीं है और मुझे नहीं लगता कि महाराष्ट्र की जनता इसे पसंद करेंगी। व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मैं ऐसे नारों के पक्ष में नहीं हूं।”

बीजेपी जब अपनों के बयानों से घिरी तो डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को डैमेज कंट्रोल के लिए आगे आना पड़ा। फडणवीस ने योगी आदित्यनाथ के बयान का बचाव किया।

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#SarkarOnIBC24 : अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के नांदेड़ और पंकजा मुंडे बीड इलाकों से आते हैं जहां की 40% आबादी मुस्लिम है ऐसे में बटोगे तो कटोगे नारे के खिलाफ बोलना दोनों की सियासी मजबूरी है। बहरहाल योगी के बंटोगे तो कटोगे नारे पर महाराष्ट्र में ही बवाल नहीं मचा बल्कि छत्तीसगढ़ में भी सियासी पारा हाई है।

सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे पर धर्म जगत में भी बहस छिड़ी है। बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

बीजेपी के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि हिंदू वोटों को बंटने से रोका जाए इसी के लिए ये नारा गढ़ा गया।लेकिन सियासी मजबूरी के चलते कभी अजीत पवार तो कभी बीजेपी के अपने नेता ही इसकी मुखालफत कर रहे हैं। महाविकास अघाड़ी तो शुरू से ही बीजेपी को इस नारे को लेकर घेर रही थी। अब जब अपने ही इस पर सवाल खड़े करेंगे तो कहीं ना कही ये बात महायुति की सियासी संभावनाओं को असर तो जरूर डालेगी, जो 23 नवंबर को आने वाले नतीजों से पता चलेगा।

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