#SarkarOnIBC24 : बाहरी प्रसाद पर रोक… ड्राय फ्रूट, मिश्री पर जोर, प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार के लिए ट्रस्टों ने उठाए कदम

Prasad Controversy : मंदिर में भगवान के दर्शन और पूजा के बाद सबको बेसब्री से इंतजार रहता है प्रसाद का। सदियों तक इसकी शुद्धता

  •  
  • Publish Date - September 27, 2024 / 11:14 PM IST,
    Updated On - September 27, 2024 / 11:14 PM IST

रायपुर : Prasad Controversy : मंदिर में भगवान के दर्शन और पूजा के बाद सबको बेसब्री से इंतजार रहता है प्रसाद का। सदियों तक इसकी शुद्धता और पवित्रता पर कोई सवाल नहीं उठा, लेकिन तिरुपति के प्रसाद में चर्बी और फिश ऑयल के खुलासे ने लोगों की आस्था को गहरी चोट पहुंचाई। छत्तीसगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर और उज्जैन के महाकाल मंदिर से लेकर अयोध्या, मथुरा और वाराणसी के मंदिरों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार के लिए मंदिर ट्रस्टों ने कई कदम उठाए हैं।

यह भी पढ़ें : Face To Face MP: मंदिर Vs मस्जिद..विवाद जारी..फिर ‘कारसेवक’ की तैयारी!, क्या वाकई मंदिर की जमीन पर मस्जिद स्थापित है? 

Prasad Controversy :  आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में जब से मिलावट का खुलासा हुआ है। देश के बड़े मंदिरों में प्रसाद के इंतजामों की नए सिरे से समीक्षा तेज हो गई है। कहीं जांच के लिए सेंपल भेजे जा रहे हैं तो कहीं इसमें सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद की भी खाद्य विभाग ने जांच की।खुलासा हुआ कि बम्लेश्वरी माता का प्रसाद एक पोल्ट्री फार्म में बनाया जा रहा था। प्रसाद पर मां बम्लेश्वर की फोटो थी और इलाइची दाना बनाया जा रहा था। खाद्य विभाग ने मौके से प्रसाद के सैंपल लिए और जांच के लिए भेजे।

पोल्ट्री फार्म में प्रसाद के मामले ने तूल पकड़ा तो बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट सामने आया। साफ किया कि जिस फैक्ट्री से बम्लेश्वरी माता का प्रसाद सप्लाई होने की बात कही जा रही है उससे ट्रस्ट कोई प्रसाद नहीं लेता। वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय की भी इस मामले मे प्रतिक्रिया सामने आई है।

बात सिर्फ छत्तीसगढ़ के बम्लेश्वर मंदिर और तिरुपति के बालाजी मंदिर की नहीं है। बल्कि चंद दिनों पहले ही मुंबई के सिद्धविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहों के बच्चे नजर आए थे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था। प्रसाद की शुद्धता पर उठते ऐसे गंभीर सवालों के बीच यूपी के अयोध्या, मथुरा और प्रयागराज के मंदिर प्रबंधन अलर्ट हो गए हैं।

यह भी पढ़ें : CG Ki Baat: कांग्रेस मांगे ‘न्याय’, टकराव का नया अध्याय! क्या यात्रा के जरिए जनाधार मजबूत कर पाएगी कांग्रेस? 

Prasad Controversy :  अयोध्या के राम मंदिर के पुजारी बाहरी एजेंसियों से प्रसाद पर बैन के पक्ष में हैं। मथुरा के मंदिर में मिठाई की जगह फल-फूल, पंचमेवा और मिश्री अपनाने का फैसला किया है। वहीं प्रयागराज के तीन बड़े मंदिरों में भक्तों से प्रसाद के रूप में नारियल, इलायची दाना और सूखे मेवे चढ़ाने का आग्रह किया है। अयोध्या के सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी में ब्रांडेड कंपनी का घी इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। यूपी में ज्यादातर मंदिरों का मैनेजमेंट खुद प्रसाद तैयार करने के पक्ष में नजर आ रहा है।

मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता के मुद्दे को सिर्फ लोगों की आस्था तक सीमित नहीं किया जा सकता, बल्कि इसमें मानवीय स्वास्थ्य का भी पहलू है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। खासकर तब जब तिरुपति मंदिर ही नहीं,बल्कि अयोध्या, मथुरा और वाराणसी जैसे बड़े धार्मिक स्थलों में श्रद्धालु दिल खोलकर दान करते हैं। मंदिर ट्रस्ट के पास करोड़ों का चढ़ावा आता है। ऐसे में मंदिर प्रबंधन की ये जिम्मेदारी बनती है कि वो लोगों की आस्था और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे और प्रसाद की शुद्धता और पवित्रता की गारंटी ले।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp