नई दिल्ली : Bangladesh violence Latest Update : बांग्लादेश जल रहा है, लोकतंत्र सैन्य शिकंजे में जकड़ रहा है। इसके साथ ही मुस्लिम कट्टरपंथी पूरी ताकत से उठ खड़े हुए हैं और अल्पसंख्यक हिंदू एक बार फिर निशाने पर हैं। 1971 में भी इसी तरह के अराजक माहौल के बीच लाखों हिंदू बेघर हुए थे जबकि हजारों मारे गए थे। बांग्लादेश के आंतरिक मामलों पर हमारा कोई बस नहीं। पर वहां के हिंदुओं की सुरक्षा की चिंता ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।
Bangladesh violence Latest Update : बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर शुरु हुए बवाल ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की कुर्सी छीन ली। शेख हसीना के देश छोड़ते ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। प्रदर्शनकारी हिंदू मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। उनके घर और प्रतिष्ठान कट्टरपंथियों के निशाने पर है। लिहाजा अब बांग्लादेश में मौजूद अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठने लगा है।
एक तरफ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की चिंता के बीच भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर है। मंगलवार सुबह सरकार ने पीएम आवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसमें पीएम मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। इधर संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के ताजा हालात और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर स्थिति साफ की।
बांग्लादेश के ताजा हालात पर सरकार ही नहीं विपक्षी पार्टियां भी चिंतित हैं। सरकार को शांति और स्थिरता के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने की अपील की है।
Bangladesh violence Latest Update : छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कांग्रेस और बीजेपी नेता भी बांग्लादेश के घटनाक्रम को लेकर फिक्रमंद है। उन्होंने भी हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
इस बात की संभावना कम नजर आ रही है कि बांग्लादेश की नई सरकार शेख हसीना सरकार की तरह दोस्ताना होगी। ऐसे में क्या वहां एक बार फिर हिंदुओं के उत्पाड़न का दौर चल पड़ेगा। क्या हिंदुओं को उनके हाल पर छोड़ दिया जाएगा? और क्या हिंदू शरणार्थियों को भारत में जगह मिलेगी। ये कुछ ऐसे सवाल है जिन पर छाई धुंध की परत आने वाले दिनों में साफ होने की उम्मीद है।