नई दिल्ली : Kailash Gahlot Resignation: देश में महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव पर सबकी नजर है, लेकिन अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात अभी से बिछना शुरू हो गई है। दिल्ली में आज दो बड़े सियासी घटनाक्रम हुए। एक तरफ दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर चौकाया, तो दूसरी तरफ बीजेपी का साथ छोड़कर पूर्व विधायक अनिल झा आम आदमी पार्टी का हिस्सा बन गए।
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Kailash Gahlot Resignation: दिल्ली की आम आदमी पार्टी के लिए रविवार की दिन खुशी और गम दोनों लेकर गम इस बात का रहा कि दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अचनाक मंत्री पद और आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया, तो दूसरी तरफ आप के लिए खुशी इस बात की रही कि बीजेपी से पूर्व विधायक अनिल झा ने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली। सबसे पहले बात आप से दूरी बनाने वाले कैलाश गहलोत की कैलाश गेहलोत ने 2015 में आप ज़ॉइन की थी और 2017 में कैबिनेट मंत्री बने थे। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपनी इस्तीफे के कई कारण गिनाए।
आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से लड़ाई करने में बहुत वक्त बर्बाद किया। हमने यमुना को स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन हम ऐसा कभी नहीं कर पाए। हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने में भी कठिनाई हो रही है, मेरे पास AAP से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
कैलाश गहलोत का इस्तीफा सामने आते ही आप और बीजेपी ने जबर्दस्ती जुबानी जंग छिड़ गई। आप ने इसे केंद्र सरकार की शह पर ED और CBI का दबाव बताया, तो बीजेपी ने कहा कि कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल को आईना दिखा दिया है। कांग्रेस ने भी आप को घेरा।
कैलाश गहलोत के इस्तीफे के 3 घंटे के अंदर ही एक और सियासी उठापटक देखने को मिली। दिल्ली बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक अनिल झा ने आप की सदस्यता ले ली। अनिल झा का कहना है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचल के लोगों के लिए सबसे अच्छा काम किया।
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Kailash Gahlot Resignation: आप छोड़ने वाले कैलाश गहलोत पेश से वकील है। राजनीति में आने से पहले 10 साल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में वकालत कर चुके। उनका नाम शराब घोटाले में भी आया था। ED और CBI के छापे पड़े थे और पूछताछ भी हुई थी। आप का आरोप है कि बीजेपी ED और CBI के जरिए दिल्ली का विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है। माना ये भी जा रहा है कि अशोक गहलोत चुनाव से पहले बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। दूसरी ओर अनिल झा भाजपा से दो बार किराड़ी सीट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछला चुनाव हार गए थे। दिल्ली के मौजूदा सियासी घटनाक्रम को देखकर साफ है कि बीजेपी और आप में चुनाव से पहले ही शह और मात का खेल फिर तेज हो गया है।