Makar Sankranti 2025: कब मनाया जाएगा मकर संक्रांति का त्योहार?, जानें क्या है इस दिन का महत्व और इसकी पूजा विधि

Makar Sankranti 2025: कब मनाया जाएगा मकर संक्रांति का त्योहार?, जानें क्या है इस दिन का महत्व और इसकी पूजा विधि

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  • Publish Date - December 18, 2024 / 03:34 PM IST,
    Updated On - December 18, 2024 / 03:36 PM IST

Makar Sankranti 2025: हिंदू धर्म में तीज-त्योहारों का काफी महत्व होता है। मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नए साल का पहला पर्व होता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस रोज खासतौर पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान करने का भी विशेष महत्व है। हर वर्ष कुल 12 संक्रांति आती हैं जिनमें से मकर संक्रांति, जिसे पौष संक्रांति भी कहा जाता है, सबसे महत्वपूर्ण मनाई जाती है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। तो चलिए जानते हैं इस दिन का महत्व और मुहूर्त।

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति के दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं और इस दिन से देवताओं का दिन प्रारंभ माना जाता है। इस दिन के बाद भगवान सूर्य मकर राशि से होते हुए मिथुन राशि तक गोचर करते हैं और इस दौरान सूर्य कैलेंडर के 6 माह आते हैं। इस समय से गर्मी धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और ठंड कम होने लगती है। मकर संक्रांति के बाद से दिन का समय अधिक और रात का समय कम होने लगता है। वर्ष में जब भगवान सूर्य कर्क राशि में गोचर करते हैं तो उसे सूर्य का दक्षिणायन होना शुरू होता है। सूर्य के दक्षिणायन होने को देवताओं की रात्रि शुरू होना माना जाता है। इस दिन से दिन का समय कम और रात का समय ज्यादा होने लगता है।

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पूजा विधि

मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व है। लोग इस दिन पवित्र स्थानों पर स्नान कर सूर्य देव को अर्ध्य देते हैं। जो लोग मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान और दान करते हैं, उन्हें सामान्य दिनों से कई गुना अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को राजपक्ष अर्थात सरकारी क्षेत्र एवं अधिकारियों का कारक ग्रह बताया गया है। व्यक्ति कि कुंडली में सूर्य बलवान होने से उसे सरकारी क्षेत्र में सफलता एवं अधिकारियों से सहयोग मिलता है। करियर एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में उन्नति के लिए भी सूर्य की अनुकूलता अनिवार्य मानी गई है।

क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति मूल रूप से खेती से जुड़ा त्योहार है। यह खरीफ फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है। इसके अलावा यह लंबी ठंड के बाद सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने और दिन की अवधि लंबे होने के लिए मनाया जाता है। यह दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने-मिलाने का भी त्योहार है।

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मकर संक्रांति से जुड़ी जरूरी बातें

1. Makar Sankranti 2025 कब है?

Makar Sankranti 2025 14 जनवरी को मनाई जाएगी।

2.Makar Sankranti 2025 के दिन कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?

Makar Sankranti 2025 को खासतौर पर तिल गुड़ की रेवड़ी, पतंगबाजी, और सूर्य पूजा जैसे त्योहार मनाए जाते हैं।

3.Makar Sankranti 2025 के दौरान कौन से पकवान बनाए जाते हैं?

Makar Sankranti 2025 पर तिल-गुड़ के लड्डू, हलवा, खिचड़ी और दही-चिउड़े जैसे पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं।

4.क्या Makar Sankranti 2025 के दिन व्रत रखना चाहिए?

हां, Makar Sankranti 2025 के दिन कई लोग व्रत रखते हैं और सूर्य देवता की पूजा करते हैं।

5.Makar Sankranti 2025 के दिन कब से कब तक पतंगबाजी होती है?

Makar Sankranti 2025 के दिन सुबह से लेकर दोपहर तक पतंगबाजी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

 

 

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