Sakat Chauth 2025: 16 या 17 जनवरी कब है सकट चौथ?, जानिए क्या है इसकी सही तिथि और इसका महत्व

Sakat Chauth 2025: 16 या 17 जनवरी कब है सकट चौथ?, जानिए क्या है इसकी सही तिथि और इसका महत्व

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  • Publish Date - January 15, 2025 / 04:34 PM IST,
    Updated On - January 15, 2025 / 04:34 PM IST

Sakat Chauth 2025:  हिंदू धर्म में तीज त्योहारों का विशेष महत्व होता है। जिसे धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वैसे ही हिंदू धर्म में सकट चौथ व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत हर वर्ष माघ मास की चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है। सकट चौथ भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित एक वार्षिक हिंदू त्योहार है। इस दिन को लंबोदर संकष्टी चतुर्थी या तिलकुट चौथ और संकटहारा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, जो मुख्य रूप से भारत के उत्तरी और मध्य भागों में मनाया जाता है। सकट चौथ देवी सकट और भगवान गणेश की पूजा को समर्पित है।

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तिथि और शुभ मुहूर्त

इस बार सकट चौथ 2025 शुक्रवार, 17 जनवरी को पड़ रहा है। सकट चौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 10:07 बजे होगा। चतुर्थी तिथि 17 जनवरी को सुबह 06:36 बजे शुरू होगी और 18 जनवरी को सुबह 08:00 बजे समाप्त होगी।

सकट चतुर्थी का महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार, माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा की थी। इसलिए इस व्रत को संतान के लिए फलदायी माना गया है। इस व्रत को करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है और संतान तनाव, रोग और नकारात्मकता से दूर रहते हैं।

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पूजा विधि

Sakat Chauth 2025:  इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और इसके बाद साफ कपड़े पहन लें। व्रताधारी को इस दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। पूजा के लिए अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें और साफ आसन बिछाकर बैठ जाएं। पूजा के लिए एक चौकी तैयार कर लें और पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसमें भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। भगवान का हल्दी और कुमकुम से तिलक करें। फूल, माला, मौली, रोली, 21 दुर्वा, अक्षत, पंचामृत, फल और मोदक का भोग लगाएं। अब धूप-दीप जलाएं और गणेशजी की आरती करें। रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को दूध और जल से अर्घ्य दें और पूजा करें।

 

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