Mahashivratri 2025: 26 या 27 फरवरी कब है महाशिवरात्रि… जानें क्या है इसकी सही तिथि और पूजा विधि

Mahashivratri 2025: 26 या 27 फरवरी कब है महाशिवरात्रि... जानें क्या है इसकी सही तिथि और पूजा विधि

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 03:52 PM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 03:52 PM IST

Mahashivratri 2025:  हिंदू धर्म में हर एक तीज-त्योहार का अपना अलग महत्व होता है। जिसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।इसी प्रकार, हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में भगवान शिव के माहात्म्य का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि जो लोग सच्चे मन से महाशिवरात्रि के दिन शिव जी और देवी गौरी की साथ में पूजा करने के साथ व्रत रखते हैं, उन्हें सुख, शांति, धन, वैभव, यश और खुशहाली का वरदान मिलता है। तो चलिए जानते हैं इस साल क्या है महाशिवरात्रि की सही तिथि व मुहूर्त।

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कब है महाशिवरात्रि

इस बार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 27 फरवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगा।

पूजा विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान आदि कार्य के पश्चात सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
घर के मंदिर में एक चौकी रखें। उसके ऊपर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़े के ऊपर शिवलिंग, शिव जी और मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
शिवलिंग का जल, दूध या गंगाजल से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल या बेर अर्पित करें।
शिव जी और मां पार्वती की पूजा करें और उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं।
प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं। इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करें।
अंत में देवी-देवताओं की आरती करके पूजा का समापन करें।

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महाशिवरात्रि का महत्व

Mahashivratri 2025:  हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के व्रत का बहुत ही खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि, महाशिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का मिलन हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के व्रत का ज्योतिष महत्व भी है। वैदिक मान्यताओं के अनुसार, हर मास की चतुर्थी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। मान्यता के अनुसार इस तिथि पर चंद्रमा बहुत कमजोर होता है, इसलिए शिव जी ने उसे अपने मस्तक पर धारण किया जाता है। इस दिन शिव जी की उपासना करने से साधक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है।

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महाशिवरात्रि कब है और इसका महत्व क्या है?

महाशिवरात्रि हर साल एक विशेष तिथि पर मनाई जाती है, जो इस बार 26 फरवरी 2025 को होगी। इसका महत्व भगवान शिव के पूजन और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए होता है।

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?

महाशिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का मिलन हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसलिए महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

महाशिवरात्रि के दिन उपवासी रहना क्यों जरूरी है?

महाशिवरात्रि के दिन उपवासी रहना आत्मिक शुद्धता और तपस्या का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।