नई दिल्ली : Navratri Kanya Puja Date : नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजा का एक विशेष महत्व बताया गया है। नवरात्रि में व्रत रखने वाले भक्त कन्या भोज करवाने के बाद ही अपना व्रत खोलते हैं। कन्याओं को देवी मां का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि कन्याओं को भोजन कराने से घर में सुख, शांति एवं सम्पन्नता आती है। कन्या भोज के दौरान नौ कन्याओं का होना आवश्यक होता है। इस बार लोगों के मन में सवाल है कि, कन्या पूजा अष्टमी या नवमी कब करना चाहिए। इस साल कन्या पूजा 10 या 11 अक्टूबर कब करें। आज हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं।
Navratri Kanya Puja Date : बता दें कि, इस साल 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हुई, जिसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। 12 अक्टूबर को माता दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन होगा। आमतौर पर नवमी को कन्याओं का पूजन करके उन्हें भोजन कराया जाता है लेकिन कुछ श्रद्धालु अष्टमी को भी कन्या पूजन करते हैं।
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या भोजन का विधान ग्रंथों में बताया गया है। इसके पीछे भी शास्त्रों में वर्णित तथ्य यही हैं कि 2 से 10 साल तक उम्र की नौ कन्याओं को भोजन कराने से हर तरह के दोष खत्म होते हैं। इस बीच यदि कन्याएं 10 वर्ष से कम आयु की हो तो जातक को कभी धन की कमी नही होती और उसका जीवन उन्नतशील रहता है।
Navratri Kanya Puja Date : इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को दोपहर 12:31 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 मिनट पर होगा।
अष्टमी तिथि के समाप्त होते ही नवमी तिथि शुरू हो जाएगी, जिसका समापन 12 अक्टूबर को सुबह 10:57 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर इस बार अष्टमी और नवमी तिथि का व्रत 11 अक्टूबर 2024 को एक दिन ही रखा जाएगा।
11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी तिथि साथ में पड़ रही है। इस आधार पर महाअष्टमी और महानवमी तिथि के खास संयोग में कन्या पूजा 11 अक्टूबर को ही करें।
Navratri Kanya Puja Date : महाष्टमी पर कन्या पूजन- 11 अक्टूबर को सुबह 07:47 मिनट से लेकर 10:41 मिनट तक कर सकते हैं।
इसके बाद दोपहर 12:08 मिनट से लेकर 1:35 मिनट तक कर सकते हैं।
कन्याओं को भोजन करवाने से पहले देवी को नैवेद्य लगाएं और भेंट करने वाली चीजें भी पहले देवी को चढ़ाएं। इसके बाद कन्या भोज और पूजन करें। कन्या भोजन न करवा पाएं तो भोजन बनाने का कच्चा सामान जैसे चावल, आटा, सब्जी और फल कन्या के घर जाकर उन्हें भेंट कर सकते हैं।