Vivah Panchami 2022 : नई दिल्ली। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को अत्यंत ही शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु के अंशावतार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम तथा देवी लक्ष्मी का अवतार सीता का विवाह हुआ था। तभी से इस पंचमी को ‘श्रीपंचमी’ या ‘विवाहपंचमी’ पर्व के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार विवाह पंचमी 28 नंवबर, सोमवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन जो कोई भी व्यक्ति मां सीता और प्रभु श्री राम का विवाह कराता है, उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम और सीताजी का विवाह रामायण में लंकापति रावण के अंत के लिए बढ़ाया हुआ एक पग भी है,क्योंकि रावण के अंत का सृजन सीताजी के हरण की घटना से ही प्रारंभ हो गया था।
Vivah Panchami 2022 : शास्त्रों में बताया गया है कि विवाह पंचमी के दिन श्री राम और माता सीता की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके साथ पारिवारिक जीवन में भी खुशियों का वातारवण बना रहता है। मान्यता यह भी है कि जिस घर में प्रभु श्री राम और माता जानकी जी का गठबंधन किया जाता है वहां सदैव देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है। विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और देवी सीता की पूजा किये जाने का विधान हैं। इस दिन प्रात:काल स्न्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।इसके बाद भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा अथवा चित्र को चौकी पर विराजमान करवाकर गंगा जल से स्नान कराएं और उसके बाद उन्हें पीले रंग के वस्त्र, पुष्प और भोग आदि अर्पण करें और धूप-दीप आदि से उनकी पूजा करें। फिर श्रीराम स्तुति और श्री जानकी स्तुति का पाठ करें। संभव हो तो “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। रात्रि में कीर्तन का आयोजन करें और सीता-राम के भजन गायें। यदि हो सके तो रामायण का पाठ भी करें।
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि 27 नवंबर 2022 को सायंकाल 04:25 बजे से प्रारंभ होकर 28 नवंबर 2022 को दोपहर 01:35 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, विवाह पंचमी इस साल 28 नवंबर को मनाई जाएगी।
जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है या जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में खुशियां नहीं है या फिर ऐसे लोग जिन्हें जल्द शादी करनी है, उन्हें विवाह पंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन उन्हें माता सीता और श्री राम की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि सच्चे मन से भगवान श्री राम और माता सीता की अराधना करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।
अगर आपकी शादी हो चुकी है, लेकिन पत्नी-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ा होता है। ऐसे में आज के पावन दिन पर पत्नी-पत्नी साथ मिलकर रामचरितमान में वर्णित राम-सीता प्रसंग का पाठ करें। माना जाता है कि इससे शादीशुदा जीवन में मिठास घुलती है। दंपति को सिया-राम का आशीर्वाद मिलता है।
अगर आपकी शादी तय हो गई है, लेकिन किसी ना किसी वजह से विवाह में देरी हो रही है तो आज के दिन नीचे दिए मंत्र का जाप करें। मान्यता है इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
“पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियं हरषे तब सकल सुरेसा॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥”
अगर आप शादी योग्य हो गए हैं, लेकिन विवाह में कोई ना कोई समस्या आ रही है, तो आज का दिन आपके लिए खास है। आज विवाह पंचमी के खास मौके पर विधि विधान से राम-सीता का विवाह कराएं। इस उपाय को करने से कुंडली में विवाह संबंधित दोष खत्म हो जाता है।
अगर आपके प्रेम विवाह में कोई अड़चन आ रही है, तो आज के दिन माता सीता के चरणों में सुहाग की समाग्री अर्पित करें और मनचाहा जीवनसाथी पाने की प्रार्थना करें। पूजा के बाद अगले दिन सुहाग की समाग्री किसी सुहागिन महिला को दान कर दें। ऐसा करने से जल्द ही प्रेम विवाह के योग बनेंगे।
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