नई दिल्ली। Vishwakarma Puja Shubh Muhurat 2024 : हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का काफी महत्व है। हर वर्ष भाद्रपद महीने में विश्वकर्मा भगवान की पूजा की जाती है। यह पर्व सूर्य देव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन ब्रह्माजी के पुत्र शिल्पकार विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है। भारत के अलावा नेपाल में भी एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत के कर्नाटक, असम, पश्चिमी बंगाल, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा, त्रिपुरा ओर उतर प्रदेश, आदि प्रदेशों में यह आम तौर पर विश्वकर्मा पूजा का काफी महत्व है।
Vishwakarma Puja Shubh Muhurat 2024 : मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा विश्व के प्रथम वास्तुकार और निर्माता थे। वेदों में भी कई स्थानों पर विश्वकर्मा भगवान का जिक्र देखने को मिलता है। इसलिए उन लोगों के लिए है जो निर्माण, मशीनरी, और तकनीकी कार्यों से जुड़े हुए हैं, विश्वकर्मा पूजा बेहद अहम मानी जाती है। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि साल 2024 में विश्वकर्मा पूजा कब है, पूजन का शुभ मुहूर्त कब रहेगा।
ऐसा माना जाता है कि, विश्वकर्मा भगवान की पूजा कन्या संक्रांति के दिन हुई थी। यानि जिस दिन सूर्य ने कन्या राशि में प्रवेश किया था उसी दिन विश्वकर्मा जन्मे थे। साल 2024 में कन्या संक्रांति 16 सितंबर को है, इसलिए विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा पूजा भी इसी दिन की जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से लेकर लगभग 11 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त (11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक) में भी विश्वकर्मा भगवान की पूजा करना शुभ माना जाएगा।
इस दिन आपको सुबह अपने घर और कारखाने में लगे मशीन-वाहन की सफाई करनी चाहिए। वहीं, खुद नहाने के भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर एक जगह पर स्थापित करें। इसके बाद भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए मशीनों और वाहनों की पूजा करें। आप फल और घर के बने हुए शुद्ध चीजों से बने प्रसाद का भोग लगाएं।
पूजा के लिए आपको एक नारियल, सुपारी, पान, फूल, अगरबत्ती, दीपक, कपूर, रोली, चंदन, धूप, मिठाई, और फल आदि पहले ही पूजा स्थल के पास रख देने चाहिए। अगर आप चाहें तो जो कार्य आप करते हैं उससे जुड़े उपकरणों को भी पूजा के स्थान पर रख सकते हैं।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व उन लोगों के बीच बहुत अधिक है जो तकनीकी और निर्माण क्षेत्र में कार्यरत हैं, जैसे कि इंजीनियर, आर्किटेक्ट्स, मेकैनिक, और कारीगर। इस पर्व के जरिये लोग भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनसे सफलता की प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन, उपकरणों और मशीनों की पूजा करने से वो सुरक्षित रहती हैं और उनके जरिये कारीगरों को लाभ प्राप्त होता है।