Vijayadashami Shubh Muhurat: Dussehra Kab Hai 2023

Vijayadashami Shubh Muhurat: 23 या 24 कब है विजयादशमी..? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Vijayadashami Shubh Muhurat:23 या 24 कब है विजयादशमी..? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Dussehra Kab Hai 2023

Edited By :   Modified Date:  October 4, 2023 / 11:04 AM IST, Published Date : October 4, 2023/11:04 am IST

Vijayadashami Shubh Muhurat: विजयादशमी का त्योहार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है।  बुराई पर अच्छाई की जीत को दशहरा या विजयादशमी के रुप में देशभर में ये त्योहार मनाया जाता है। कहते हैं इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। इस बार दशहरा को लेकर लोगों में दुविधा है कि 23 या 24 किस दिन सही मायने में दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा। तो हम यहां बताएंगे, कि 23 या 24 किस दिन विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस साल दशहरा का त्योहार कब मनाया जाएगा।

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दशहरा की तिथि

हर साल की तरह इस साल भी दशहरा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 24 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर खत्म होगी। वहीं, उदया तिथि के अनुसार, दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

दशहरा का शुभ मुहूर्त

विजयादशमी का त्योहार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। दशहरा में रावण और उसके भाईओं का दहन करने की परंपरा है। अगर रावण दहन शुभ मुहूर्त में किया जाए तो बहुत शुभ माना जाता है। इस वर्ष रावण दहन का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा और अगले ढाई घंटे तक रहेगा।

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दशहरा पूजन विधि

  • दशहरे की पूजा दोपहर के समय करना उत्तम रहता है।
  • इस दिन घर के ईशान कोण में 8 कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाया जाता है।
  • इसके बाद अष्टदल के बीच में अपराजिताय नमः: मंत्र का जप करना चाहिए और मां दुर्गा के साथ भगवान राम की पूजा करनी चाहिए।
  • इसके बाद माता जया को राइट और विजया को लेफ्ट तरफ स्थापित करें।
  • अब माता को रोली, अक्षत, फूल आदि पूजा की सामग्री अर्पित करें और भोग लगाएं।
  • माता की आरती भी करें और जयकारे भी लगाएं।
  • कुछ जगहों पर गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाई जाती हैं।
  • इन कटोरियों में से एक में सिक्के और दूसरी रोली, चावल, जौ व फल रख दें। इसके बाद प्रतिमा पर जौ, केले, मूली और गुड़ आदि अर्पित कर दें।
  • अगर बहीखाते या शस्त्रों की पूजा कर रहे हैं तो पूजा स्थल पर इन चीजों को भी रख दें और इन पर भी रोली व अक्षत लगाएं।
  • इसके बाद यथाशक्ति अनुसार दान-दक्षिणा दें और गरीबों व अवश्य को भोजन अवश्य कराएं।
  • शाम के समय रावण दहन हो जाए तो शमी की पत्तियां अपने परिजनों को दे दें।
  • इसके बाद सभी घर के बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

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