नई दिल्ली : Vat Savitri pooja vidhi : हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत को बहुत अहम माना गया है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। वट सावित्री पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह व्रत 19 मई को रखा जाएगा। 19 मई को सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत रखेंगी, बरगद के पेड़ की पूजा करेंगी। वट सावित्री व्रत की कथा सुनेंगी, क्योंकि बिना कथा पढ़े या सुने यह व्रत अधूरा माना जाता है।
Vat Savitri pooja vidhi : हिंदी पंचांग के अनुसार ज्येष्ट अमावस्या तिथि 18 मई की रात 9 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 मई की रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 19 मई को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि व्रत सावित्री व्रत रखने से करवा चौथ के व्रत करने के बराबर फल मिलता है। इस बार वट सावित्री व्रत के दिन गज केसरी योग और शश राजयोग भी पड़ रहा है। इन दोनों योग को पूजा-पाठ, शुभ काम करने के लिए बेहद शुभ माना गया है।
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Vat Savitri pooja vidhi : वट सावित्री के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. फिर लाल या पीले रंग के कपड़े धारण करें। सोलह श्रृंगार करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। फिर वट वृक्ष (बरगद) के नीचे बैठ कर पूजा करें। पेड़ की 7 परिक्रमा करते हुए सूत लपेटें। सावित्री और सत्यवान की कथा पढ़ें या सुनें। वट वृक्ष को श्रृंगार का सामान, ऋतु फल, फूल अर्पित करें. पूजा में भीगे हुए चने जरूर चढ़ाएं. आखिर में घर के बड़ों का आशीर्वाद लें। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से पति की आयु लम्बी होती है. साथ ही घर में सुख शांति और वैभव और ऐश्वर्य रहता है।