कानपुर। लॉकडाउन की गाइडलाइन को देखते हुए सुन्नी उलमा काउंसिल कानपुर की मस्जिदों में भी केरल मॉडल लागू करने जा रहा है। इसके तहत अब यहां नमाज पढ़ने आने वाले लोगों को टोकन जारी किए जाएंगे। इससे मस्जिद में नमाजियों की संख्या सीमित रहेगी। काउंसिल की माने तो कानपुर के बाहर की मस्जिदों में भी यह व्यवस्था लागू होगी।
ये भी पढ़ें:सेठानी घाट से दिखता है नर्मदा नदी का समुद्र जैसा रुप, भोर होते ही शुरु हो जात…
सुन्नी उलमा काउंसिल के अनुसार जब अनलॉक-2 के लिए गाइडलाइन जारी होगी तब से फजिर (सुबह साढ़े चार बजे) के वक्त आने वाले नमाजियों को टोकन दे दिया जाएगा। फिर इन्हीं नमाजियों को पांचों वक्त की नमाज में आने का मौका मिलेगा। शाम के वक्त की नमाज यानी ईशा में यह टोकन वापस ले लिए जाएंगे।
ये भी पढ़ें: आस्था की नगरी : पग-पग में मिलते श्रीराम के पद चिन्ह, शबरी के जूठे ब…
काउंसिल के महामंत्री ने बताया कि ये महामारी है और हम सबको मिलकर लड़ना है। हमने मीटिंग कर ये रास्ता निकाला कि टोकन वितरण प्रणाली शुरू किए जाएं।’ उन्होंने कहा, ‘जब धार्मिक स्थल खोलने की बात हुई तो प्रशासन ने केवल पांच लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी। ऐसे में तय करना मुश्किल हो रहा था कि किन 5 लोगों को अनुमति दी जाए।’
ये भी पढ़ें: भगवान जगन्नाथ का है छत्तीसगढ़ से गहरा नाता, संदेहों से परे हैं ये प…
हाजी मोहम्मद सलीस ने आगे बताया, ‘अनलॉक-2 में अगर मस्जिद में नमाज पढ़ने वालों की संख्या बढ़ाई जाती है तो हमारे लिए चयन में और मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में हमने यहां भी केरल मॉडल लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। ये रास्ता निकाला गया है कि जो लोग फजिर की नमाज में आएंगे, उतने लोगों को टोकन दिए जाएंगे और फिर ईशां की नमाज में टोकन जमा हो जाएंगे। अगले दिन जो लोग आएंगे उन्हें टोकन दिए जाएंगे। इससे चयन में कोई झगड़े नहीं होंगे।’ उन्होंने कहा कि जब अनलॉक-2 धार्मिक स्थल खुलेंगे तो इस फॉर्म्युले को अपनाया जाएगा। प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी जाएगी।
ये भी पढ़ें: कड़ी शर्तों के बीच पुरी की रथयात्रा शुरू, 500 लोगों को ही रथ खींचने…