आज शरद पूर्णिमा, चंद्रमा करता है अमृत वर्षा , देखें व्रत नियम, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

आज शरद पूर्णिमा, चंद्रमा करता है अमृत वर्षा , देखें व्रत नियम, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

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  • Publish Date - October 30, 2020 / 05:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

धर्म। आज शरद पूर्णिमा है। शरद पूर्णिमा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत वर्षा करते है। शरद पूर्णिमा को कौमुदी यानि मूनलाइट या कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व पर चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखा जाता है।

शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर रखने का है विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृत छोड़ती है। यही वजह है कि आज चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने से उसमें अमृत वर्षा होने की मान्यता है।

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शरद पूर्णिमा के दिन करें मां लक्ष्मी की पूजा

शरद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद एक साफ चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद अब लक्ष्मी जी विधि-विधान से पूजा करके लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और उनको पान अर्पित करें। पान घर के सदस्यों में प्रसाद स्परुप बांट दें, इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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शरद पूर्णिमा व्रत की महत्वता
मान्यता के अनुसार एक साहूकार की दो बेटियां थीं. दोनों पूर्णिमा का व्रत रखती थीं। साहूकार की एक बार बड़ी बेटी ने पूर्णिमा का विधिवत व्रत किया, लेकिन छोटी बेटी ने व्रत छोड़ दिया, जिससे छोटी लड़की के बच्चों की जन्म लेते ही मृत्यु हो जाती थी। एक बार साहूकार की बड़ी बेटी के पुण्य स्पर्श से छोटी लड़की का बालक जीवित हो गया, कहा जाता है कि उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक मनाया जाने लगा।

शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 30 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 45 मिनट तक

शरद पूर्णिमा तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर को रात 08 बजकर 18 मिनट तक