Reported By: Supriya Pandey
,Navratri 5th Day Maa Skandmata
रायपुर।Navratri 5th Day Maa Skandmata: नवरात्रि के पांचवें दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है। मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं। मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां दुर्गा के 5वें स्वरूप स्कन्दमाता की पूजा करते हैं। ये देवी पांचवीं नवदुर्गा हैं। मां स्कंदमाता की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है। मां को विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है। मां की उपासना से अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। इस दौरान देवी मंदिरों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़त है। कहा जाता है कि पंचमी में स्कंदमाता की पूजा से विशेष कृपा मिलती हैं।
पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें। मां को रोली कुमकुम भी लगाएं। मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं। मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें। मां की आरती अवश्य करें।
स्कन्दमाता की पूजा के मंत्र
1. महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी।
त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि।।
2. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नम:।
स्कन्दमाता का प्रिय भोग
आज के दिन स्कन्दमाता को केले का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा आप चाहें तो आप माता को खीर का भी भोग लगा सकते हैं।