Lal Kitab Upay in Pitru Paksha: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृपक्ष की शुरुआत प्रत्येक वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा के साथ होती है साथ ही आश्विन मास में इसका समापन होता है। इस वर्ष पितृपक्ष की शुरुआत 28 सितंबर 2023 से हो रही है, जिसका समापन 14 अक्टूबर 2023 को होगा। पितृपक्ष को पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म आदि करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में आज हम आपको पितृ दोष और उनके ऋण से मुक्ति पाने के लिए लाल किताब के कुछ उपाय के बार में बताएंगे।
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यदि आपको लगता है कि केवल पितृदोष या पितृ ऋण ही होता है तो आपको यह जानना जरूरी है कि मनुष्य पर कई तरह के ऋण लगते हैं। ये ऋण तब लगते हैं जब, मनुष्य से कोई गलती होती है अथवा अपने बुरे कर्मों से वह किसी को दुखी करता है। बता दें की ये ऋण भले ही पूर्वजों का हो लेकिन उनके पाप पूरे वंश को झेलना पड़ा है, इसलिए आपको पितृपक्ष में इन ऋणों को उतारने के लिए भी उपाय करने चाहिए।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना बहुत ही आवश्यक माना गया है। पितृपक्ष में तर्पण केवल पूर्वजों के नाम पर ही नहीं, बल्कि जिसका ऋण आपके पूर्वजों पर हो, उसके नाम पर भी तर्पण करें। इससे आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
हिंदू धर्म में घर में पूजा के साथ कपूर के इस्तेमाल करना बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसे में पितृपक्ष के दौरान घर में रोजाना सुबह, शाम कपूर जलानी चाहिए। साथ ही कपूर जलाते समय अपने पितरों के ऊपर चढ़े ऋण या कर्ज के लिए ईश्वर से माफी मांगे।
तेरस, चौदस, अमावस्य और पूर्णिमा के दिन गुड़ और घी को गाय के गोबर से बने उपले पर रख कर जलाएं और प्रतिदिन हनुमान का पाठ करने और पितरों के कर्मों के लिए माफी मांगने से आपको काफी हद तक पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है।
हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में आप पितृपक्ष के दौरान परिवार के सभी सदस्यों के बराबर सिक्के लेकर उन्हें मंदिर में दान कर दें। इसके अलावा गरीबों में अपने पूर्वजों के नाम से भी अपनी क्षमता अनुसार दान दे सकते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान कौए, चिड़िया, कुत्ते और गाय को रोटी जरूर खिलाएं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और आपके ऊपर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। इसके साथ ही पीपल या बरगद के पेड़ में जल चढ़ाएं। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। इस उपाय से आपको ऋण और पितृ दोष दोनों से मुक्ति मिल सकती है।