Pandit Pradeep Mishra Ke Upey : देवी देवताओं को हिंदू धर्म में जितना महत्व दिया जाता है उतना ही पितरों का भी माना जाता है। जिस तरह देवी देवताओं के लिए अलग अलग त्यौहार होते हैं जिनमें उन्हें प्रसन्न किया जाता है ठीक उसी तरह पितरों के लिए श्राद्ध पक्ष या फिर पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितरों के निमित्त श्रद्धा और तर्पण जैसे कार्य किए जाते हैं। पितरों की पूजा अर्चना की जाती है ताकि उनकी आत्मा तृप्त रहे और जीवन में किसी भी तरह की कोई समस्या देखना ना देखना पड़े।
Pandit Pradeep Mishra Ke Upey : हालांकि कई लोगों की कुंडली में पितृ दोष जैसी समस्या रहती है जिसकी वजह से उन्हें जीवन में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनके पास धन की भी कमी होने लगती है साथ ही इससे छुटकारा पाने के लिए वह कई तरह के उपाय करते हैं लेकिन उन्हें कोई फायदा देखने को नहीं मिलता।
अगर आप भी पितृ दोष की वजह से परेशान है और अब तक कई उपाय कर चुके हैं तो आज हम आपको पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा बताए गए कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप अपने जीवन की तमाम समस्याओं को खत्म कर सकते हैं। इतना ही नहीं इससे आपको धनि हानि भी नहीं होगी और धन आगमन के योग बनेंगे। साथ ही घर में बह सुख समृद्धि और खुशहाली आएगी। चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में –
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए आपको पितृपक्ष के 16 दिनों तक शिवलिंग पर नियमित रूप से जल अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से आपको काफी ज्यादा फायदा देखने को मिलेगा। वहीं पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा जीवन में आ रही तमाम समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा और धन का आगमन होने लगेगा।
इसके अलावा पितृपक्ष के दौरान चावल की कटोरी में बेल पत्र और दुर्वा बांधकर पानी के घड़े के पास रख दें। ऐसा करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं पितृ भी अपने लोगों से खुश रहते हैं और उनके जीवन की तमाम समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि चावल की कटोरी को रखने के बाद क्या करना है तो आपको बता दे, दो-तीन दिन बाद कटोरी में बंधा हुआ बेलपत्र और दुर्वा शिवजी के शिवलिंग पर अर्पित कर दें और चावल को अपने घर में छिड़क दें। तभी आपको इस उपाय का फायदा देखने को मिलेगा।
इसके अलावा पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा बताया गया है कि पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए रोजाना सुबह पानी के कलश में रुद्राक्ष और चावल के कुछ दाने डालकर उसे एक एकांत जगह पर रख दें। उसके बाद शाम के वक्त प्रदोष काल में आपको शिव मंत्र का जाप करते हुए घी का दीपक जलाना है और उसे दक्षिण दिशा की ओर रख देना है। फिर आपको अपने हाथों में कलश को पकड़ कर पितरों से विनती करना है और उन्हें अपनी समस्या बताना है।
उसके बाद अगले दिन आपको इसी कलश के जल को शिवलिंग पर अर्पित कर देना है। वहीं रुद्राक्ष को अपने घर के मंदिर में रख देना है। आप चाहे तो कलश का थोड़ा सा पानी अपने घर में भी छिड़क सकते हैं। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होने के साथ-साथ घर में खुशहाली बनी रहेगी और सुख समृद्धि का आगमन होगा।
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