धर्म । भगवान भोलेनाथ सबसे अधिक प्रकृति के करीब है। भगवान शिव-शंकर को बड़े-बड़े भोग नहीं चाहिए होते हैं,वो तो सच्चे मने से अर्पित किए फूल-पत्ती से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिवलिंग पर जल का अभिषेक भी शिव को प्रसन्न कर देता है। अलग अलग मतानुसार भगवान शिव की पूजा करने के लिए उनका रुद्राभिषेक भी किया जाता है। भगवान शंकर को प्राकृतिक रुप से उत्पन्न मौसमी फलों जैसे संतरे या गन्ने का रस से रुद्राभिषेक भी प्रिय है। इसके अलावा शहद एवं घी से अभिषेक करने पर भी धन में वृद्धि होती है।
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भक्तों ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया तो उन्होंने कई युक्तियां लगाईं। कहा जाता है कि भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को गेंहू चढ़ाएं जाएं तो संतान की प्राप्ति होती है।
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ये भी मान्यता है कि शिवलिंग पर घी चढ़ाने से मनुष्य बलशाली बनता है और दूध अर्पण करने से सेहत दुरूस्त रहती है। भगवान शिव को शहद भी अति प्रिय है, शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से इंसान की वाणी मीठी होती है और जौ अर्पित करने से व्यक्ति सुखी रहता है। शिवजी को चंदन चढ़ाने से समाज में यश प्राप्त होता है, तिल चढ़ाने से सभी पापों से व्यक्ति मुक्त हो जाता है। भगवान को दही अर्पित करने से स्वभाव में गंभीरता आती है और इत्र अर्पित करने से विचारों की शुद्धि होती है। कलयुग में अपनी – अपनी मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त प्रयत्नशील होते हैं।