नई दिल्ली : Vivah Muhurat 2023-24: देवउठनी एकादशी को 4 महीने से योगनिद्रा में लीन रहे भगवान विष्णु जागते हैं। इसके साथ ही चातुर्मास खत्म होता है और एक बार फिर शादी-विवाह जैसे शुभ-मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है। देवउठनी एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह रचाया जाता है। तुलसी विवाह के दिन को विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है। इसके साथ ही 4 महीनों से थमा रहा शादियों का सीजन शुरू हो जाता है। इस साल 23 नवंबर 2023 को देवउठनी एकादशी है। वहीं उसके 15 दिसंबर तक ही विवाह के लिए समय रहेगा।
Vivah Muhurat 2023-24: 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी को देव जागते ही विवाह मुहूर्त शुरू हो जाएंगे।इस तरह नवंबर से लेकर साल 2023 के अंत तक ही विवाह करने का मौका रहेगा लेकिन इस दौरान विवाह के केवल 10 मुहूर्त ही हैं। दरअसल 15 दिसंबर 2023 से 15 जनवरी 2024 तक एक महीने खरमास लगने के कारण विवाह वर्जित रहेंगे। हिंदू धर्म में चातुर्मास की तरह खरमास में भी शादियां नहीं होती हैं। इस तरह शादी करने के लिए लोगों को साल 2024 में मकर संक्रांति तक का इंतजार करना पड़ेगा। मकर संक्रांति के बाद ही शादियां हो सकेंगी। इस साल अधिकमास पड़ने के कारण चातुर्मास 5 महीने का रहा और दिवाली के बाद वाले सीजन में विवाह के लिए बहुत कम समय ही मिला।
Vivah Muhurat 2023-24: देवउठनी एकादशी के अगले दिन शालिग्राम-तुलसी विवाह होता है। इसके बाद ही विवाह होंगे। नवंबर महीने में विवाह मुहूर्त 28 और 29 नवंबर को हैं। इसके बाद दिसंबर में शादी करने के लिए 8 मुहूर्त मिलेंगे। दिसंबर में विवाह के मुहूर्त – 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और 13 दिसंबर को हैं।यदि इस समय तक शादी नहीं कर पाए तो जनवरी 2024 में 16, 22, 27 और 31 जनवरी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।