पुरी। Jagannath Mandir Ke Khajane Ka Rahasya : जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के उन पवित्र स्थलों में से एक है जहां हर हिंदू भक्त जाना चाहता है। यह पवित्र स्थाान चार धामों में से एक है और ओडिशा राज्य में स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि, यहां प्रभु के दर्शन करने वाले भक्त को अंत समय में मुक्ति प्राप्त हो जाती है। जगन्नाथ पुरी मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त देश-विदेश से आते हैं। इस मंदिर के खजाने को लेकर भी चर्चाएं अक्सर होती रहती हैं। इस मंदिर के रत्न भंडार में देवताओं के जेवरात के साथ ही भक्तों के द्वारा भगवान को अर्पित किए गए गहनों का भी भंडार है।
Jagannath Mandir Ke Khajane Ka Rahasya : बता दें कि स्वामी जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में करवाया गया था। इस मंदिर में रत्नभंडार है जिसमें स्वामी जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के आभूषण रखे जाते हैं। ये आभूषण बेहद कीमती और पुराने हैं। कई लोगों का यह भी कहना है कि रत्नभंडार में अरबों का खजाना है।
Jagannath Mandir Ke Khajane Ka Rahasya : रत्नभंडार दो भागों में बंटा है। बाहरी रत्नभंडार को 39 साल पहले खोला गया था। इसमें भगवान के पहनने वाले आभूषण थे। बताया जाता है कि ज्यादातर आभूषण भीतरी रत्नभंडार में हैं। लेकिन इसकी चाबी लंबे समय से गायब है। आखिरी बार इसे 1985 में खोला गया था और फिर इसे कभी नहीं खोला गया। 2018 में ओडिशा हाई कोर्ट ने रत्नभंडार को खोलने का आदेश दिया गया था। हालांकि चाबी ना मिलने की वजह से यह नहीं खुला।
बताया जाता है कि इस रत्नभंडा में ओडिशा के राजाओं द्वारा दान किया गया खजाना और आभूषण रखे हैं। पहले विजय पाने के बाद भी राजा स्वामी जगन्नाथ के दर्शन करने पहुंचते थे और रत्न दान करते थे। विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक 1978 में इस रत्न भंडार मेमं 12 हजार से ज्यादा सोने के आभूषण थे। इनपर रत्न भी लगे हुए थे। बाहरी कमरे को हर साल रथयात्रा के मौके पर खोला जाता है लेकिन भीतरी कक्ष खुले हुए 46 साल चुके हैं।
जगन्नाथ मंदिर में आभूषणों को रत्न भंडार के अंदर के चैंबर में रखा जाता है, जिसे दो तालों से सील कर दिया जाता है। ये ताले केवल राज्य सरकार की खास अनुमति पर ही खुलते हैं। और चाबियां मंदिर प्रशासन को सरकारी खजाने में जमा करनी पड़ती हैं। त्योहारों के समय भी जो आभूषण इस्तेमाल किए जाते हैं, उन्हें भी तो तालों से सुरक्षित किया जाता है।
ओडिशा के जगन्नाथपुरी मंदिर की चाबी पुरी के कलेक्टर के जिम्मे है। स्टोर खोलने के लिए पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है। साल 2018 में हाईकोर्ट ने एएसआई के सर्वे के आधार पर रत्न भंडार खोलने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ओडिशा सरकार ने अप्रैल 2018 में जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने का आदेश दिया था। चाबी गुम होने की वजह से रत्न भंडार नहीं खोला जा सका था। तब से लेकर आज तक गायब चाबियों का रहस्य नहीं खुल पाया है। हालांकि इस बारे में जांच की गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
जगन्नाथ मंदिर को लेकर कहा जाता है कि कभी भी इस मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं उड़ता। इस मंदिर में शीर्ष पर जो झंड़ा लटक रहा है वो हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। इस मंदिर की परछाई नहीं बनती। मंदिर के बाहर समुद्र की लहरों की आवाज आती है लेकिन अंदिर जाते ही आवाज बंद हो जाती है। ऐसे ही कई अन्य चौंकाने वाली बातें भी जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी हैं। माना जाता है कि, इस मंदिर में जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक जाता है उसकी सभी मनोकामनाएं जगन्नाथ जी पूरी कर देते हैं।