नई दिल्ली : Akhanda Samrajya Yoga: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि को सबसे शुभ माना गया है। बता दें कि 22 अप्रैल को गुरु ने अपनी स्वराशि मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर लिया है। इस दौरान अखंड साम्राज्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग को धन संपदा, सुख-समृद्धि के लिए जाना जाता है। कहते हैं कि जिन लोगों की कुंडली में ये योग बनता है, उसका भाग्य प्रबल होता है।
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फिर भले ही व्यक्ति का जन्म गरीब से गरीब परिवार में भी क्यों न हुआ है। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद उनके घर में दिन दुनी और रात चौगुनी तरक्की करते हैं। कुंडली में इस योग का प्रभाव 75 साल तक रहता है। कहते हैं -जिस व्यक्ति की कुंडली में ये योग बनता है, उनकी कुंडली से सारे बुरे योग समाप्त हो जाते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव और गुरु बृहस्पति के गोचर से अखंड साम्राज्य योग बन चुका है। 17 जनवरी को शनि अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश कर चुके हैं और 22 अप्रैल को गुरु के मेष में प्रवेश करने से इस योग का निर्माण हुआ है।
Akhanda Samrajya Yoga: शनि और गुरु से बना अखंड साम्राज्य योग मेष राशि के जातकों को विशेष लाभ देने वाला है। बता दें कि शनि ने एकादश भाव और गुरु लग्न भाव से गोचर किया है। ऐसे में इस राजयोग के बनने से जबरदस्त लाभ होगा। साथ ही, व्यापार में भी व्यक्ति को खूब मुनाफा मिलेगा। आय के नए स्त्रोत खुल सकते हैं. व्यापार में निवेश करना भी सही साबित होगा। हर क्षेत्र में सफलता पाएंगे।
Akhanda Samrajya Yoga: बता दें कि इस राशि में गुरु नौंवे भाव में गोचर कर चुके हैं। वहीं, शनि भी नौंवे भाव में हैं। ऐसे में इस राशि वालों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। गुरु का गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से लाभदायी रहेगा। हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। कार्यस्थल पर आपकी खूब प्रशंसा होगी। इंक्रीमेंट और पदोन्नति मिल सकती है।
Akhanda Samrajya Yoga: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस राशि के जातकों की कुंडली में गुरु और शनि दोनों ही दूसरे भाव में गोचर कर चुके हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों को अचानक से धन लाभ होगा। संतान की ओर से शुभ समाचार मिल सकता है। लंबे समय से फंसा हुआ पैसा वापस मिलेगा। साथ ही, हर काम में वाहवाही हो सकती है।