The doors of Badrinath will be closed on 18th November : देहरादून। उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से बद्रीनाथ धाम यात्रा समाप्त होने वाली है। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के बाद अब बद्रीनाथ धाम के कपाट भी बंद होने की तारीख घोषित कर दी गई है। मंगलवार विजय दशमी के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की है।
The doors of Badrinath will be closed on 18th November : बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 18 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे और इसके साथ ही उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र में होने वाली इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मंगलवार को बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को अपराह्न 03:33 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि विजयादशमी के पावन पर्व पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित एक समारोह में धर्माचार्यों तथा तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में पंचांग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि और समय निर्धारित किया गया।
चारों धामों में से केवल बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की ही तिथि निकाली जाती है जबकि अन्य तीनों धामों की तिथि दीवाली के त्योहार से ही निर्धारित होती है। गंगोत्री मंदिर के कपाट जहां दीवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व पर बंद किए जाएंगे वहीं भैयादूज के पर्व पर केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होंगे। अठारह नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का भी समापन हो जाएगा। इस वर्ष बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। वर्तमान यात्रा काल में अब तक रिकॉर्ड 16 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ तथा यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 15 नवंबर दोपहर को बंद हो जाएंगे। वहीं, श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 14 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे जबकि द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जो के कपाट एक नवंबर पूर्वाह्न को बंद कर दिए जाएंगे।