Success through the teachings of the Bhagavad Gita : नई दिल्ली। महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि द्वापर युग में इस तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध के प्रारंभ के समय अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे। भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन और गीता के उपदेशों से अर्जुन को सफल जीवन का मंत्र प्राप्त हुआ और वे फिर सिर्फ कर्म के प्रति अग्रसर हुए। गीता के उन उपदेशों से अर्जुन का ही नहीं, पूरे संसार का मार्गदर्शन हो रहा है। यदि आज के समय में आप भी गीता के उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करते हैं तो आपको सफलता प्राप्त होगी।
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Success through the teachings of the Bhagavad Gita : भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि जो व्यक्ति मन की दुर्बलता त्याग करके अपना कर्म करता है, वही सफलता को प्राप्त करता है। मन के अंदर पैदा होने वाले संशय को त्यागना चाहिए। संदेह की स्थिति में रहकर सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती है।
Success through the teachings of the Bhagavad Gita : भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि हे पार्थ! मनुष्य का कर्म करने में ही अधिकार है। उसे केवल कर्म करना चाहिए। कर्म के फल पर मनुष्य का कोई अधिकार नहीं है। इस वजह से फल की चिंता किए बिना व्यक्ति को सच्चे मन से कर्म करना चाहिए।
Success through the teachings of the Bhagavad Gita : जो व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण स्थापित कर लेता है और उसके लिए जय-पराजय, लाभ-हानि, सुख-दुख सब समान होता है, वह व्यक्ति जीवन में सफल हो जाता है क्योंकि उसने अपने मन को वश में कर लिया है।
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Success through the teachings of the Bhagavad Gita : भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि क्रोध करने से अत्यंत ही मूढ़ भाव उत्पन्न हो जाता है। इससे अपने ही मन में भ्रम पैदा होता है। इसके कारण बुद्धि का नाश हो जाता है। जब बुद्धि खराब हो जाती है तो व्यक्ति का सर्वनाश हो जाता है। इस वजह से व्यक्ति को क्रोध नहीं करना चाहिए।
Success through the teachings of the Bhagavad Gita : श्रीकृष्ण ने कहा कि जो व्यक्ति संपूर्ण कामनाओं को त्याग करके अहंकारहित और ममतारहित हो जाता है। उसे ही शांत प्राप्त होती है। व्यक्ति को काम, लोभ, मोह और मद का त्याग करना चाहिए।